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Moradabad News: जननी सुरक्षा का चेक पाने के लिए महिलाएं लगा रहीं चक्कर, जिला महिला अस्पताल के हालात बदतर
Moradabad News: सरकारी योजनाओं का लाभ पाना कितना मुश्किल होता है, इसकी बानगी मुरादाबाद के जिला महिला अस्पताल में देखी जा सकती है। यहां जननी सुरक्षा योजना की प्रसूताओं को मिलने वाली धनराशि में दिक्कत का सिलसिला जारी है।
Moradabad News: सरकारी योजनाओं का लाभ पाना कितना मुश्किल होता है, इसकी बानगी मुरादाबाद के जिला महिला अस्पताल में देखी जा सकती है। यहां जननी सुरक्षा योजना की प्रसूताओं को मिलने वाली धनराशि में दिक्कत का सिलसिला जारी है।
अस्पताल के काटने पड़ रहे चक्कर
जानकारी के मुताबिक प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र की 1000 और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन जिला महिला अस्पताल में महिलाएं इस धनराशि का चेक पाने के लिए कई दिनों तक चक्कर काटती दिख जाती हैं। जबकि यह चेक प्रसव के बाद डिस्चार्ज होने के दिन तुरंत मिल जाना चाहिए लेकिन अस्पताल में ऐसा होता नहीं दिख रहा। जिला महिला अस्पताल में करीब 73 महिलाओं को अभी तक चेक मिलने का इंतजार है।
कैसे मिलेगा प्रसव बाद पौष्टिक आहार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जननी सुरक्षा योजना में प्रसव के बाद पौष्टिक आहार के लिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रुपये और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये की धनराशि मिलता है। लेकिन इसके लिए भी उन्हें चक्कर काटने की मजबूरी है। जुलाई में 230 महिलाओं को इसका लाभ मिला। अगस्त में अभी तक 73 महिलाओं को चेक का इंतजार है।
आवेदन करने के बाद इंतजार
जिला महिला अस्पताल को अप्रैल में चेक के लिए 140 आवेदन मिले। लेकिन, किसी को धनराशि नहीं मिल सकी। मई में सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं में से 82 ने चेक के लिए फार्म भरा और ऑपरेशन से 58 की डिलीवरी हुई। 140 आवेदन में से किसी को मदद की धनराशि नहीं मिली। सर्वाधिक 238 फार्म मई में आए। जिसमें सामान्य प्रसव की 97, आपरेशन से 69 प्रसव हुए थे। जून में 224 और जुलाई में 230 को योजना के तहत धनराशि का भुगतान किया गया।
बजट रहने पर भुगतान नहीं रूकता
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. निर्मला पाठक का कहना है कि बजट होने पर सभी को समय से योजना की धनराशि का चेक मिल जाता है। अस्पताल के जेएसवाई अनुभाग के लिपिक रवि शर्मा का कहना है कि बजट रहने पर किसी का भुगतान रुकता नहीं है। योजना के तहत जो धनराशि मिलती है, वह प्रसव के बाद पौष्टिक आहार के सेवन के लिए दी जाती है। फिलहाल 73 महिलाओं को अभी चेक का इंतजार है।