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Moradabad News: वाहनों का तैयार कर देते थे फर्जी इंश्योरेंस, एसटीएफ (STF) ने दबोचा

Moradabad News: तिराहे से फर्जी तरीके से कूटरचित बीमा दस्तावेज और प्रमाणपत्र जारी करने वाले गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों सलमान उर्फ अनवर और नदीम पुत्र मुख्तियार हुसैन को गिरफ्तार किया।

Sudhir Goyal
Published on: 20 July 2023 11:14 PM IST
Moradabad News: वाहनों का तैयार कर देते थे फर्जी इंश्योरेंस, एसटीएफ (STF) ने दबोचा
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वाहनों का तैयार कर देते थे फर्जी इंश्योरेंस, एसटीएफ (STF) ने दबोचा : Photo- Newstrack

Moradabad News: तिराहे से फर्जी तरीके से कूटरचित बीमा दस्तावेज और प्रमाणपत्र जारी करने वाले गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों सलमान उर्फ अनवर और नदीम पुत्र मुख्तियार हुसैन को गिरफ्तार किया। उनके पास से टीम को 12 वाहनों के फर्जी कूटरचित बीमा दस्तावेज, 4 मोबाइल, एक लैपटॉप और 23,000 रुपये नकद बरामद हुए। बरेली एसटीएफ की टीम ने मझोला थाने में केस दर्ज कराया।

नामी कंपनियों के नकली इंश्योरेंस बांड करते थे तैयार

प्रदेश के एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ को सूचना मिल रही थी कि मुरादाबाद में चोला एमएस जनरल इंश्योरेंस, बजाज एलियांज इंश्योरेंस कंपनी, एचडीएफसी एग्रो कंपनी के कूटरचित बीमा दस्तावेज तैयार करने वाला गिरोह सक्रिय है। इस सूचना पर एसटीएफ की इकाइयों को लगाया गया। मुख्यालय से मिले निर्देश पर बरेली एसटीएफ यूनिट के पुलिस उपाधीक्षक अब्दुल कादिर के पर्यवेक्षण में उप निरीक्षक राशिद अली के नेतृत्व में टीम ने तकनीकी जानकारी एकत्रित कर मुखबिर की सूचना पर एआरटीओ तिराहे के पास घेराबंदी कर कूटरचित बीमा दस्तावेज तैयार करने वाले सक्रिय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। सिविल लाइंस थाने के चक्कर की मिलक निवासी सलमान उर्फ अनवर पुत्र सरवर हुसैन और नदीम पुत्र मुख्तयार हुसैन निवासी ग्राम गुरेर थाना मैनाठेर को मौके से गिरफ्तार किया गया।

कम पैसे के चक्कर में लोग फंस जाते थे चंगुल में

टीम की पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने बताया कि यह दोनों अपने साथी नूर कमर और कासिम के साथ मिलकर भोले-भाले लोगों को कम पैसे लेकर अधिक रुपये का बीमा कराने का प्रलोभन देते थे। उनके वाहन के पुराने बीमा कागजात को लैपटॉप या मोबाइल पर एडिट करने के बाद एम परिवहन ऐप और नामी बीमा कंपनियों के वेबसाइट पर तथ्यों में फेरबदल कर अपलोड कर वाहन स्वामियों और बीमा कंपनियों को चूना लगाकर राजस्व की क्षति पहुंचा रहे थे।

इन्होंने टीम को बताया कि भारी वाहनों का फर्जी बीमा 35-40,000 रुपये की बजाय 3-4,000 रुपये में उपलब्ध करा देते थे। हालांकि कूटरचित वाहन बीमा प्रपत्र के चलते दुर्घटना होने पर वाहन स्वामी को बीमा कंपनी से कोई भुगतान न मिलने पर हकीकत पता चलती थी।



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Sudhir Goyal

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