×

धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा ने भक्तों के लिए खोला खजाना, प्रसाद में मिलता है सिक्का

तिरुपति बाला जी हो या शिरडी के साईं बाबा या फिर सिद्धि विनायक जी का दरबार, आपने यहाँ के खजाने के बारे में जरुर सुना और देखा होगा, लेकिन कभी ऐसा सुना है क्या कि भगवान के दरबार का खजाना भक्तों के लिए खोला जाता है

Newstrack
Published on: 12 Nov 2020 5:15 PM IST
धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा ने भक्तों के लिए खोला खजाना, प्रसाद में मिलता है सिक्का
X
धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा ने भक्तों के लिए खोला खजाना, प्रसाद में मिलता है सिक्का (Photo by social media)

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में धनतेरस का अपना महत्त्व है क्योंकि आज के दिन माता अन्नपूर्णा का खज़ाना बंटता है। माता अन्नपूर्णा का खज़ाना लेने के लिए भक्तों की लम्बी कतार बुधवार रात से ही लग गयी थी। सुबह मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा के दर्शन भक्तों के लिए सुलभ कर दिए गए। मंदिर के महंत रामेश्वरपुरी भक्तों में धान का लावा और एक रुपये का सिक्का बांट रहे हैं। भक्त खज़ाना लेकर निहाल हो रहे हैं।

ये भी पढ़ें:धनतेरस 2020: भगवान धनवन्तरि की प्रतिमा का सीएम व राज्यपाल ने किया अनावरण

भक्तों के लिए खुलता है खजाना

तिरुपति बाला जी हो या शिरडी के साईं बाबा या फिर सिद्धि विनायक जी का दरबार, आपने यहाँ के खजाने के बारे में जरुर सुना और देखा होगा, लेकिन कभी ऐसा सुना है क्या कि भगवान के दरबार का खजाना भक्तों के लिए खोला जाता है और भक्तों में बंटता है? ऐसा खजाना जो केवल साल में एक बार खुलता है जो इस खजाने से मिले लावे और सिक्के को घर में रखता है, उसके घर में धन और धान्य की वृद्धि होती है।

varanasi-matter varanasi-matter (Photo by social media)

काशी में स्थापित मां अन्नपूर्णा का दरबार ऐसा है जहां श्रृष्टि के पालनहार महादेव भोले शंकर ने भी भिक्षा मांगी थी। माँ अन्नपूर्णा की ऐसा कृपा है कि इस नगरी में कोई भी इंसान कभी भूखा नहीं सोता। साल में एक दिन धनतेरस के दिन बंटता है माँ अन्नपूर्णा का खजाना, जिसके एक सिक्के को लेने के लिए देश के ही नहीं विदेशों से आये भक्तों का उमड़ पड़ता है जनसैलाब।

जानिए क्यों महादेव ने भी मांगी थी भिक्षा

महंत रामेश्वर पूरी ने बताया की पुराणों में वर्णित है कि एक बार जब काशी में अकाल पड़ा था। चारो ओर त्राही त्राही मची थे। लोग भूखों मर रहे थे। उस समय शिव को भी समझ ने नहीं आ रहा था की इस नगरी में ये क्या हो गया, जिससे काशी को बचाया जा सके। ध्यान मग्न होने पर भगवान शिव को राह दिखी की माँ अन्नपूर्णा ही बचा सकती है। तब भगवान शिव खुद माँ के पास जाकर भिक्षा मांगते है। माता ने उसी वक्त शिव को वचन दिया की आज के बाद कोई भी इस नगरी में भूखा नहीं रहेगा और मेरा खजाना पाते ही लोगो के दुःख दूर हो जायेंगे ।

ये भी पढ़ें:सेना में खुशी की लहर: 9 साल बाद मिली बड़ी कामयाबी, कांप उठा आतंकी संगठन

श्रद्धालु बताते हैं कि माँ के खजाने से सिक्का और अन्न प्राप्ति के लिए वो मुंबई से हर साल आती हैं, जबसे माँ का खजाना मिला है तब से आर्थिक तंगी दूर हुई है। घर की स्थिति सुधर गयी है।

रिपोर्ट- आशुतोष सिंह

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story