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बसंत पंचमी पर मथुरा पहुंची सांसद हेमा मालिनी, हनुमान जी की उतारी आरती
बसंत पंचमी के मौके पर सांसद हेमा मालिनी ने भी हनुमान जी की आरती उतारी और वृन्दावन कुम्भ के एहसास को प्रयागराज कुम्भ का एहसास बताया और कहा कि जैसे अनुभूति प्रयागराज में हो रही है वैसे ही अनुभूति वृन्दावन कुम्भ की पहली बार हो रही है ।
वृंदावन : मथुरा में भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थली वृंदावन धाम में यमुना के तट पर बसंत पंचमी से कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक का ध्वजारोहण के साथ शुभारंभ हो गया । तीनों अनी अखाड़े के संतो महंतो महामंडलेश्वरों ने सबसे पहले ध्वजा का पूजन किया और जयघोषों के बीच ध्वजा को आसमान में लहराने के लिए डंडे को कुम्भ स्थल पर गाड़ दिया । तीनो ही अखाड़ों के महंतों द्वारा ध्वजारोहण के साथ हरिद्वार पूर्व कुम्भ बैठक की शुरुआत हुई । ध्वजारोहण कार्यक्रम में मथुरा की सांसद हेमा मालिनी एव ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी विधि विधान से पूजा अर्चना की ।
आज से वृन्दावन कुम्भ की शुरुआत
इस अवसर पर श्रीकान्त शर्मा ने आज का दिन पावन दिन है आज के दिन वृन्दावन कुम्भ की शुरुआत हो रही है । हम तो अपने आप को सौभाग्यशाली समझ रहे है कि हमको हमारी सरकार को पहले प्रयागराज कुम्भ कराने का अवसर मिला और अब वृन्दावन कुम्भ को कराने का सौभाग्य मिला । यह भी संतो के आशीर्वाद का ही फल है । हम हमारे ब्रजवासी सभी बिहारी जी से कामना करते है कि हमारा आयोजन सफल हो । हमारा प्रयास होगा कि यह कुंभ इको फ्रेंडली कुम्भ बनाए और इसमें पॉलीथिन का उपयोग न हो । उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने मंदिर घर साफ रखते है वैसे ही आने वाले श्रद्धालु भी इसका ध्यान रखे । सरकार का प्रयास है कि सभी अखाड़ों में गंगा जल की भी व्यवस्था की जा रही है ।
सांसद हेमा मालिनी वृन्दावन कुम्भ पहुंची
इस बसंत पंचमी के मौके पर सांसद हेमा मालिनी ने भी हनुमान जी की आरती उतारी और वृन्दावन कुम्भ के एहसास को प्रयागराज कुम्भ का एहसास बताया और कहा कि जैसे अनुभूति प्रयागराज में हो रही है वैसे ही अनुभूति वृन्दावन कुम्भ की पहली बार हो रही है ।
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राष्ट्रीय महासचिव गौरीशंकर ने सभी देवताओं का आह्वान किया
पंच निर्वाणी अनि अखाड़ों के राष्ट्रीय महासचिव गौरीशंकर ने कहा कि सोमवार को यमुना पूजन कर आज ध्वजपूजन व ध्वजारोहण कर सभी देवताओं का आह्वान किया । आज के बाद देवता इस स्थल पर किसी न किसी रूप में यह दिखाई देंगे । उन्होंने बताया कि 11 मीटर की पताका पर हनुमान जी विराजमान है । यह कुम्भ आयोजन जीव कल्याण के लिए है । साथ ही यह वैष्णव सम्प्रदाय के लिए बड़े ही हर्ष का विषय है । उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को माघ मेला समाप्त होगा उसके बाद वृन्दावन कुम्भ अपने भव्य स्वरूप में नजर आएगा और यहां संतो और श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा ।
रिपोर्ट : नितिन गौतम
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