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बच्चों का यौन शोषण: मठ संचालक करता था गंदी हरकत, शिष्य के साथ भेजा गया जेल
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में बाल यौन शोषण के आरोपी मठ संचालक भक्ति भूषण गोविंद महाराज और उनके शिष्य कृष्ण मोहन दास को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
लखनऊ: देश में एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में बाल यौन शोषण के आरोपी मठ संचालक भक्ति भूषण गोविंद महाराज और उनके शिष्य कृष्ण मोहन दास को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
शुकतीर्थ के गौड़ीय मठ से 10 बच्चों को मुक्त कराया था
चाइल्ड हेल्पलाइन ने शुकतीर्थ के गौड़ीय मठ से मिजोरम व त्रिपुरा के 10 बच्चों को मुक्त कराया था। काउंसलिंग में बयान और डॉक्टरी परीक्षण में यौन उत्पीड़न की पुष्टि होने पर पुलिस ने बृहस्पतिवार देर रात मुकदमा दर्ज कर आरोपी मठ संचालक और उसके शिष्य को गिरफ्तार कर लिया था।
मठ संचालक और उसके शिष्य को अस्थाई जेल में भेजा गया
वहीं शुक्रवार दोपहर बाद आरोपी मठ संचालक और उसके शिष्य को भोपा पुलिस ने विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पोक्सो संजीव कुमार तिवारी की कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने दोनों को जेल भेजने का आदेश दिए। भोपा पुलिस ने दोनों को कवाल में बनाई गई अस्थाई जेल में भेज दिया है।
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सीएमओ कार्यालय में बच्चों का हुआ मेडिकल परीक्षण
बच्चों से सारे घटनाक्रम के बारे में पूछताछ की गई थी। गुरुवार को चाइल्ड हेल्पलाइन के तत्वावधान में सभी 10 बच्चों का सीएमओ कार्यालय में मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में मठ से मुक्त कराए गए चार बच्चों के साथ यौन शोषण की पुष्टि होने तथा सभी बच्चों के साथ मारपीट किये जाने की बात सामने आने पर बाल कल्याण समिति ने रिपोर्ट एसएसपी को प्रेषित कर दी थी।
मारपीट, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीडऩ एवं यौन शौषण का आरोप
इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक राखी देवी ने थाना भोपा में तहरीर देकर बताया कि गौड़ीय मठ आश्रम फिरोजपुर रोड शुक्रताल मुजफ्फरनगर से 10 बच्चों को मुक्त कराकर समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
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बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन की ओर से बच्चों से वार्ता की गई तो सभी ने आश्रम संचालक भक्ति भूषण गोविंद महाराज व आश्रम के अन्य व्यक्तियों द्वारा उनके साथ मारपीट, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीडऩ एवं यौन शौषण का आरोप लगाया। उधर, बच्चों को भी बयान कराने के लिए कोर्ट में पेश किया गया। फिलहाल बच्चे बाल कल्याण समिति के पास हैं।