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18 साल पहले जब इनके साथ PM मोदी ने देखी थी 'गदर' फिल्म...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 दिसम्बर को कानपुर आ रहे हैं। यहां वह राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में शामिल होंगे और लगभग साढे चार घंटे तक रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ पूरा लाव- लश्कर होगा।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 दिसम्बर को कानपुर आ रहे हैं। यहां वह राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में शामिल होंगे और लगभग साढे चार घंटे तक रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ पूरा लाव- लश्कर होगा।
मौके पर मंत्रियों और अधिकारियों की पूरी टीम रहेगी, पर वह चार भाजपा कार्यकर्ता उनसे नहीं मिल सकेगें। जिनके साथ नरेंद्र मोदी ने 18 साल पहले यहां(कानपुर) में फिल्म ‘गदर’ देखी थी।
ये चारों कार्यकर्ता आज भी पार्टी के लिए पसीना बहा रहे हैं पर उनके मन में इस बात की ललक छिपी हुई है कि एक बार प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिल लें। दरअसल, यह बात उस समय कि है जब नरेन्द्र मोदी प्रचारक हुआ करते थे और 3 जुलाई 2001 को संघ की अखिल भारतीय प्रचारकों की बैठक में शमिल होने कानपुर आए थे।
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पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से दिल्ली से कानपुर पहुंचे थे पीएम मोदी
बैठक कानपुर के स्थानीय जय नारायण विद्या मंदिर में हुई थी। वह दिल्ली से कानपुर, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से पहुंचे थे। इस दो दिवसीय बैठक के दौरान नरेन्द्र मोदी पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता और तत्कालीन भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपी पाण्डेय के जूही वाले घर भी गए थे। उनके साथ तीन अन्य कार्यकर्ता भूपेश गुप्ता महेन्द्र शुक्ल और प्रमोद अग्रहरि भी थे।
ऐसे बना था 'गदर' फिल्म देखने का प्लान
खास बात यह है कि नरेन्द्र मोदी ने जूही में ही गोपी पाण्डेय के घर पर ही अपने बाल भी कटवाए थे। भाजपा के ये कार्यकर्ता बताते है कि बाल कटवाने के बाद प्रचारक के तौर पर आए नरेन्द्र मोदी ने फिल्म देखने का मन बनाया और हम लोगों से कहा कि चलो ‘गदर’ फिल्म देखी जाए।
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जो मालरोड के हीरपैलेस टाकीज में चल रही थी। क्योंकि हीरपैलेस टाकीज जूही से दूर थी और समय कम था। इसलिए नजदीक की लाल पैलेस टाकीज में ही फिल्म देखने का फैसला हुआ।
साथ में मूवी देखने वाला शख्स पीएम बनेगा, सोचा नहीं था : भूपेश गुप्ता
भूपेश गुप्ता बताते हैं कि अभी भी वह सीन याद करने में सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। वह बताते हैं कि तब नहीं सोचा था कि वह देश के दो बार प्रधानमंत्री बनेंगे।
यह पूछने पर कि तब उनकी बातचीत कैसे थी? भूपेश कहते हैं कि बहुत ही सामान्य बातचीत थी, हालांकि तब तक उनका नाम देश में हो चुका था फिर उनकी बातचीत में कोई ऐसा भाव नही था जिससे लगे कि वह इतने बड़े व्यक्ति हैं।
बेहद शालीन और परिवार के सदस्य की तरह घर आये थे मोदी: महेन्द्र शुक्ला
वही एक दूसरे कार्यकर्ता महेन्द्र शुक्ला भी बताते हैं कि बेहद शालीन और परिवार के सदस्य की तरह बातचीत करने वाले मोदी जी तब गोपी पाण्डेय के यहां किसी के साथ स्कूटर में बैठकर आए थे।
यह पूछने पर कि क्या प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई? इस पर महेन्द्र शुक्ल ने कहा ‘‘ मन तो होता है मिलने का, लेकिन अब वह इतने ऊंचे ओहदे पर है कि अब शायद उनसे न मिल सकूं।
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