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मुद्रा लोन: रिश्वत देने पर भी नहीं मिला कर्ज, व्यापारी ने PM को लिखा खत,की ख़ुदकुशी

मोदी सरकार की तरफ से देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज दशक का पहला बजट संसद के अंदर पेश कर रही है। इस बीच कानपुर के नौबस्ता से एक बड़ी खबर सामने आई है।

Aditya Mishra
Published on: 1 Feb 2020 6:56 AM
मुद्रा लोन: रिश्वत देने पर भी नहीं मिला कर्ज, व्यापारी ने PM को लिखा खत,की ख़ुदकुशी
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लखनऊ: मोदी सरकार की तरफ से देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज दशक का पहला बजट संसद के अंदर पेश कर रही है। इस बीच कानपुर के नौबस्ता से एक बड़ी खबर सामने आई है।

जिसका सीधा संबंध मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार ‘मुद्रा योजना’ से है। जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री अपनी सरकार की पीठ थपथपाते है। साथ ही इस योजना को बीजेपी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हैं।

दरअसल कानपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र में एक कपड़ा व्यापारी ने इसलिए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली क्योंकि बैंक ने उससे घूस लेने के बावजूद पांच लाख का लोन नहीं दिया।

बेटा जब घर पहुंचा तो पिता को फांसी पर लटकता देख घटना की जानकारी परिजनों सहित पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जांच पड़ताल की तो पुलिस को मृतक के पास से तीन पन्नों का सुसाइड नोट मिला।

जिसमें उसने लिखा है कि वह बैंक में हुए भ्रष्टाचार और लोगों को दिए हुए पैसे ना वापस करने से परेशान था और सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक भेज कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं पुलिस घटना की जांच पड़ताल कर रही है।

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ये है पूरा मामला

नौबस्ता के हंस पुरम निवासी गिरीश मिश्रा (55) कपड़ा कारोबारी है। गिरीश मिश्रा के बहनोई बालेश अग्निहोत्री ने बताया कि बहन प्रतिभा को फालिज मार गई है। बहन के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा ज्ञानेंद्र प्राइवेट कंपनी में काम करता है। छोटा बेटा आशुतोष 12वीं का छात्र है।

बहनोई गिरीश मिश्रा ने कुछ लोगों को पैसा उधार दे रखा था। अपनी छोटी बहन को भी कुछ पैसा उधार दे दिया था। कारोबार ठप होने के कारण वह लोगों से दिया हुआ पैसा वापस मांग रहे थे। लेकिन कोई पैसा उनका वापस नहीं कर रहा था। जिससे वह परेशान थे।

जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही मुद्रा योजना का लाभ लेने के लिए बैंक गए तो बैंक में भी उनसे पाँच लाख रुपये लोन कराने के नाम पर लाखों रुपए का घूस मांगा गया।

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तीन पन्ने का लिखा था सुसाइड नोट

घूस देने के बाद भी उनका लोन जब पास नहीं हुआ तो वह बहुत परेशान हो गए और गुरुवार को अपने कमरे में जाकर करीब 3 पन्नों का सुसाइड नोट लिख कर फांसी लगा ली। बड़ा बेटा ज्ञानेंद्र जब शाम को घर आया तो पिता को फंदे से लटकता देख उसके होश उड़ गए। ज्ञानेंद्र ने घटना की जानकारी परिजनों सहित पुलिस को दी।

सूचना पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और जाँच पड़ताल की। जाँच पड़ताल के दौरान पुलिस को बहनोई के पास से तीन पन्नो का सुसाइड नोट मिला।जिसमें उन्होंने साफ लिखा है। कि उन्होंने कुछ लोगों को पैसा दे रखा था। लेकिन वह पैसा वापस नहीं कर रहे थे।

दोषियों के खिलाफ पीएम मोदी से की कार्रवाई की मांग

मुद्रा बैंक से लोन भी लेने का प्रयास किया तो लोन के नाम पर उनसे लाखों रुपए की घूस मांगी गई। घूस देने के बाद भी उनका लोन पास नहीं हुआ।सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा कि उनका सुसाइड नोट प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाए।ताकि ऐसे भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों और पैसा ना देने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो सके। वहीं पुलिस सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर घटना की जांच पड़ताल में जुट गई है।

बता दे कि छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2015 में मुद्रा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत छोटे व्यवसायियों को 10 लाख तक का लोन देने की योजना है। प्रधानमंत्री मोदी इस योजना को बीजेपी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हैं।

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