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फिर लापरवाही: तापमान 86 डिग्री फॉरेन हाइट, भेजे जा रहे एकांत वास में
स्वास्थ विभाग द्वारा जिस प्रकार से लोगो की जांच किए जाने का दावा किया जा रहा है उससे तो यही लगता है कि पूरी कमान अप्रशिक्षित लोगों के हाथ में सौंप दी गई है और चिकित्सक दूर खड़े होकर आराम फरमा रहे हैं ।
अंबेडकरनगर: विश्व स्तर पर कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ी जा रही जंग के बीच अंबेडकर नगर जिले में स्वास्थ्य महकमा इस महामारी की गंभीरता को शायद नही महसूस कर रहा है। कोविड-19 की जांच में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिस प्रकार की लापरवाही बरते जाने के मामले लगातार सामने आ रहे है वह एक तरफ सरकार की मंशा पर तो पानी फेर ही रहा है वंही दूसरी तरफ जिले को संकट की तरफ भी ले जा रहा है।
लगातार सामने आ रही लापरवाही
स्वास्थ विभाग द्वारा जिस प्रकार से लोगो की जांच किए जाने का दावा किया जा रहा है उससे तो यही लगता है कि पूरी कमान अप्रशिक्षित लोगों के हाथ में सौंप दी गई है और चिकित्सक दूर खड़े होकर आराम फरमा रहे हैं । इस प्रकार की लापरवाही बरते जाने पर अधिकारी भी कोई कार्यवाही करने की बजाय उस पर लीपापोती करते ही देखे जा रहे हैं। यदि इसमें बदलाव नहीं हुआ तो अब तक ग्रीन जोन में रह रहे इस जिले की भयावह तस्वीर सामने आ सकती है ।
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सीएमओ ने कहा, गलती हो गयी होगी
एक दिन पूर्व ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी के चिकित्सक डॉ मोहनीश रावत द्वारा मरीज का नाम लिखे बिना पूरी डायग्नोशिश लिखे जाने का मामला सामने आ चुका है लेकिन इस मामले पर विभाग ने अभी तक पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। अब दूसरा मामला शरीर के तापमान को मापने से जुड़ा हुआ है। बाहर से जिले में आ रहे प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगो की थर्मल स्क्रीनिग करायी जा रही है।
कोविड- 19 की जाँच सवालों के घेरे में
इस कार्य के लिए बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी लगाये गये हैं। थर्मल स्क्रीनिग के समय पर्चे पर 86 डिग्री फारेनहाइट व इसके आसपास तापमान लिखकर लोगो को 14 दिन एकांतवास में रहने के लिए भेज दिया जा रहा है। अब प्रश्न यह है कि क्या 86 डिग्री फॉरेन हाइट तापमान पर कोई सामान्य व्यक्ति आराम से स्क्रीनिग के लिए जा सकता है। क्या इस तापमान पर किसी को एकांतवास में रहने के लिए घर भेजा जा सकता है और वह व्यक्ति घर जाने की स्थिति में रह पॉयेगा।
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9 मई को हुयी थर्मल स्क्रीनिग में ऐसे कई पर्चे सामने आये है जिन पर इसी प्रकार का तापमान लिखकर उन्हें एकान्तवास में रहने को भेज दिया गया है। इस संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि 86 डिग्री फॉरेन हाइट तापमान पर व्यक्ति का शरीर ठंडा पड़ जाएगा और वह हाइपो थर्मिया नाम की बीमारी का शिकार हो जायेगा। यह स्थिति बेहद गम्भीर मानी जाती है जिसमे व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।
अप्रशिक्षित लोगो के हाथ में सौंपी गयी है कमान
इसके बावजूद स्वास्थ्य महकमा लोगो को एकांतवास में रहने को घर भेज रहा है। साफ़ है कि थर्मल स्क्रीनिग केवल खाना पूर्ति तक ही सीमित है और सब कुछ अप्रशिक्षित लोगो के हाथ में ही है जिन्हें शरीर के सांमान्य तापमान के बारे में भी कोई जानकारी नही है। इस संबंध में सीएमओ डॉ अशोक कुमार का कहना है कि वह गलती से हो गया होगा ।अब हिदायत दे दी जायेगी कि इतना कम तापमान न लिखा करें।