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नई निर्यात नीति: मजबूत होगा भारत और नेपाल का रिश्ता, उद्यमियों ने रखी ये मांग

नई निर्यात नीति के तहत ग्रीन कार्डधारकों की शिकायतों के निराकरण को लेकर अलग प्रकोष्ठ भी बनेगा। गीडा के उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार नीति बनाने के साथ ही उसे जमीन पर उतारने को लेकर भी सक्रियता दिखाए। गोरखपुर में ड्राईपोर्ट बनने से ही नेपाल को निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी।

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Published on: 31 Oct 2020 11:38 AM IST
नई निर्यात नीति: मजबूत होगा भारत और नेपाल का रिश्ता, उद्यमियों ने रखी ये मांग
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गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार ने नई निर्यात नीति के खाका लगभग तैयार कर लिया है। जल्द यूपी कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। बेरोकटोक निर्यात को लेकर योगी सरकार उद्यमियों को ग्रीन कार्ड देगी। ग्रीनकार्ड धारकों के कंसाइन्मेंट का निर्बाध परिवहन संभव होगा। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के उद्यमियों ने नई निर्यात नीति का स्वागत किया है। अब उद्यमियों का कहना है कि गोरखपुर में ड्राई पोर्ट बनना चाहिए। इसके विकसित होने से ही असल सुधार होगा। लिंक एक्सप्रेस के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित होने से इसकी जरूरत बढ़ेगी।

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नई निर्यात नीति के तहत ग्रीन कार्डधारकों की शिकायतों के निराकरण को लेकर अलग प्रकोष्ठ भी बनेगा। गीडा के उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार नीति बनाने के साथ ही उसे जमीन पर उतारने को लेकर भी सक्रियता दिखाए। गोरखपुर में ड्राईपोर्ट बनने से ही नेपाल को निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी। गीडा और इंडस्ट्रियल इस्टेट की फैक्ट्रियों से धागा, चप्पल, कूलर, सिलाई मशीन, डिस्पोजल सीरिंज आदि का निर्यात होता है। गीडा के उत्पाद का निर्यात दक्षिण अफ्रिका, नेपाल, थाईलैंड, केन्या और सउदी अरब आदि देशों को होता हैं।

उम्मीद से लबरेज उद्यमियों की ये हैं मांग

मुख्यमंत्री से फिर मांगेंगे गोरखपुर में ड्राई पोर्ट :आरएन सिंह

RN Singh RN Singh (Photo by social media)

चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह का कहना है कि नई निर्यात नीति का स्वागत है। ग्रीन कार्डधारक निर्यातकों के प्रस्तावों का सभी विभागों में तेजी से निस्तारण होगा। शिकायतों को लेकर विशेष प्रकोष्ठ भी बनेगा। जिलेवार निर्यात नीति का उद्यमियों को लाभ होगा। गोरखपुर में ड्राइपोर्ट की मांग भी पूरी होनी चाहिए।

दक्षिण अफ्रिका को धागा निर्यात में होगी बचत: विष्णु अजीतसरिया

Vishnu Ajitsaria Vishnu Ajitsaria (Photo by social media)

चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और टेक्सटाइल उद्योग से जुड़ी फैक्ट्री के मालिक विष्णु अजीतसरिया बताते हैं कि फैक्ट्री में बना धागा दक्षिण अफ्रीका को निर्यात होता है। हालांकि ये निर्यात मर्चेंट के द्वारा होता है। यदि मर्चेंट को निर्यात नीति से लाभ होगा तो इसका लाभ कंपनी को होगा ही। गोरखपुर में ड्राइपोर्ट बनना चाहिए। जिससे नेपाल को निर्यात में आसानी हो।

कूलर और सिलाई मशीन के निर्यात में होगी आसानी:सनूप साहू

Sanup Sahu Sanup Sahu (Photo by social media)

गीडा में सिलाई मशीन, कूलर और पंखा बनाने वाले सनूप साहू का कहना है कि निर्यात को लेकर ग्रीन कार्ड का उद्यमियों को लाभ मिलेगा। सिलाई मशीन और कूलर का निर्यात केन्या और थाईलैंड को होता है। अब ग्रीन कार्डधारकों को सहूलियत मिलेगी तो फर्म को भी इसका लाभ होगा। प्रदेश में अब डॉलर आने में कोई बाधा नहीं होगी।

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नेपाल बॉर्डर में फंसती हैं गाड़ियां:डॉ.आरिफ साबिर

Dr Arif Sabir Dr Arif Sabir (Photo by social media)

फर्नीचर फैक्ट्री के मालिक डॉ.आरिफ साबिर का कहना है कि नेपाल और आस्ट्रेलिया को दरवाजे और फर्नीचर का निर्यात होता है। तीन दिन से फर्नीचर लदी गाड़ी नेपाल बार्डर पर खड़ी है। ग्रीन कार्ड की सहूलियत मिलेगी तो भाड़ा में लाभ होगा। वाहनों का चेकपोस्ट पर न्यूनतम निरीक्षण होगा। लाइसेंस लेने में भी सहूलियत होगी।

पूर्णिमा श्रीवास्तव

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