×

आ गए नियम: अंतिम संस्कार में भी बरतें खास सावधानी, ना करें ये गलती

अंतिम संस्कार या अंतिम यात्रा में भी कम से कम लोग शामिल हों। अंतिम संस्कार के लिए शव को ले जाने के दौरान भी विशेष सतर्कता बरती जाए।

Rahul Joy
Published on: 13 Jun 2020 6:31 PM IST
आ गए नियम: अंतिम संस्कार में भी बरतें खास सावधानी, ना करें ये गलती
X

हमीरपुर। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर कदम पर खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इसका वायरस नाक और मुंह से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है, इसलिए कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके शव परीक्षण और अंतिम संस्कार के दौरान भी विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस बारे में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बाकायदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसमें सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर दिया गया है।

अंतिम यात्रा में कम लोग हो शामिल

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.आरके सचान ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार आस-पास ही करना चाहिए। परिजन अपने संबंधी का केवल एक बार चेहरा देख सकते हैं, गले मिलने और शव से कदापि न लिपटें। अंतिम संस्कार या अंतिम यात्रा में भी कम से कम लोग शामिल हों। अंतिम संस्कार के लिए शव को ले जाने के दौरान भी विशेष सतर्कता बरती जाए।

Disha Patani: दिल के सबसे करीब हैं ये लोग, खुद से ज्यादा इनको करती हैं प्यार

अस्पताल वालों को विशेष सावधानियां बरतनी होंगी

कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ.एमके बल्लभ ने बताया कि अस्पताल कर्मचारियों को भी निर्देश है कि ऐसे शव पर एंबामिंग (शव को देर तक सुरक्षित रखने वाला लेप) न किया जाए। आम तौर पर संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु पर पोस्टमार्टम न करने की हिदायत दी गई है और अगर विशेष परिस्थिति में इसकी जरुरत पड़ी तो इसके लिए अस्पताल वालों को विशेष सावधानियां बरतनी होंगी ।

पाकिस्तान की बड़ी साजिश, दो भारतीय जासूस पकड़ने का किया दावा

शव को परिजनों को सौंपने से पहले के निर्देश

शव में जो भी ट्यूब बाहर से लगे हों उसे निकाल दें। यदि शरीर में कोई बाहरी छेद किया गया हो तो उसे भी भर दें। यह सुनिश्चित किया जाए कि शव से किसी तरह का लीकेज न हो। शव को ऐसे प्लास्टिक बैग में रखा जाए जो कि पूरी तरह लीक प्रूफ हो।

ऐसे व्यक्ति के इलाज में जिस किसी भी सर्जिकल सामानों का इस्तेमाल हुआ हो उसे सही तरीके से सैनिटाइज किया जाए। अंतिम संस्कार से पहले बरती जाने वाली सावधानी। शव को सिर्फ एक बार परिजनों को देखने की इजाजत होगी।

शव जिस बैग में रखा गया है, उसे खोला नहीं जाएगा, बाहर से ही धार्मिक क्रिया करनी होगी। शव को स्नान कराने, गले लगने की पूरी तरह से मनाही है।

शव यात्रा में शामिल लोग अंतिम क्रिया के बाद हाथ-मुंह को अच्छी तरह से साफ करें और सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें। अंतिम संस्कार (जलाना या सुपुर्द-ए-खाक) करने के बाद घर वालों और बाकी लोगों को हाथ और मुंह अच्छे से साबुन से धोने होंगें ।

शव को जलाने के बाद राख को नदी में प्रवाहित कर सकते हैं। शव यात्रा में कम से कम लोग शामिल हों। शव यात्रा में शामिल गाड़ी को भी सैनेटाइज किया जाए।

रिपोर्टर- रविन्द्र सिंह, हमीरपुर

80 के दशक में दूरदर्शन के हिट शो, हर उम्र के लोगों का रखा था ख्याल

Rahul Joy

Rahul Joy

Next Story