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Nikay Chunav: आठ-दस लाख से अधिक का पान-मसाला खिला गए प्रत्याशी, अब नहीं दे पा रहे हिसाब
Nikay Chunav: सभी प्रत्याशियों को चुनाव खत्म होने के बाद ही खर्च का ब्योरा देना था। अगर किसी प्रत्याशी ने खर्च का ब्योरा नहीं दिया तो उसकी जमानत राशि वापस नहीं होगी।
Nikay Chunav Expenses: निकाय चुनाव खत्म होने के बावजूद प्रत्याशी किए गए खर्च का ब्योरा देने से कतरा रहे है। ऐसे में अब चुनाव कार्यालय व कोषागार से सभी को नोटिस भेजा जाएगा। अगर प्रत्याशियों ने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया तो आगे उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। हालांकि अब तक कुछ जिलों के प्रत्याशियों ने हिसाब दिया भी है, जिसमें पता चल कि 10 लाख से अधिक का तो पान-मसाला ही खा गए हैं।
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नगर निकाय चुनाव में सभी प्रत्याशियों को नामांकन से पहले एक अलग खाता खोलना था। उससे ही चुनाव के सभी खर्च करने थे। राज्य निर्वाचन आयोग ने महापौर के लिए 40 लाख और पार्षद के लिए तीन लाख खर्च की सीमा तय की थी। सभी प्रत्याशियों को चुनाव खत्म होने के बाद ही खर्च का ब्योरा देना था। अगर किसी प्रत्याशी ने खर्च का ब्योरा नहीं दिया तो उसकी जमानत राशि वापस नहीं होगी। हर चुनाव खत्म होते ही प्रत्याशी खर्च का ब्योरा देने में जुट जाते है। इस बार लगभग 10 दिन बीतने के बावजूद किसी प्रत्याशी ने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया है। अगर ब्योरा न दिया तो अगली बार उनके चुनाव लड़ने पर रोक भी लग सकती है। इसलिए अब चुनाव कार्यालय व कोषागार उनको रिमाइंडर के रूप में नोटिस भेजने जा रहा है। जिससे वह समय से ब्योरा दे सके। प्रत्याशी अधिकतम 90 दिन में चुनाव खर्च का ब्योरा दे सकते है। उसके बाद कोई ब्योरा नहीं लेगा। नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका सभी सदस्य व अध्यक्ष प्रत्याशियों को खर्च का ब्योरा जमा करना है।
कानपुर में अब तक किसी ने नहीं दिया हिसाब
निकाय चुनाव में कानपुर जिले से कुल 1168 प्रत्याशी निकाय चुनाव लड़े थे। लेकिन चुनाव के दस बीत जाने के बाद भी किसी प्रत्याशी ने हिसाब नहीं भेजा है। अब जिला प्रशासन नोटिस जारी करने की तैयारी में हैं। चुनाव के बाद परिणाम भी जारी हो गए लेकिन महापौर से सभासद किसी का कोई ब्यौरा नहीं आया।
प्रयागराज में 40 लाख की खा गए पूड़ी
प्रयागराज के प्रत्याशियों ने ब्यौरा दिया है। इसमें सामने आया कि चुनाव के दौरान समर्थक करीब 40 लाख की पूड़ी-सब्जी और नौ लाख रुपये का पान मसाला खा गए। प्रयागराज में 1514 उम्मीदवारों में 1468 ने चुनावी खर्च का जो विवरण दिया। दिए गए ब्यौरा में ही ये आंकड़ा सामने आया है।
क्या बोले जिम्मेदार
राजेश कुमार एडीएम फाइनेंस का का कहना है कि सभी प्रत्याशियों के खर्च का मिलान होगा। अगर खर्च ज्यादा किया होगा तो कार्रवाई होगी। अगर ब्योरा न दिया तो जमानत राशि जब्त होगी। आगे चुनाव लड़ने पर रोक भी लग सकती है। इसलिए सभी को रिमाइंडर नोटिस भेजा जा रहा है। यदि उसके बाद भी ब्यौरा नहीं आता है तो ठोस कार्यवाही की जाएगी।