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ड्रा के चंद मिनट पहले बदली आवेदन कर्ता की श्रेणी, लगा ये बड़ा आरोप
प्राधिकरण कार्यालय के रिकार्ड रुम में रखी फाइल से आवंटी के कागजी दस्तावेज गायब होना, उन दस्तावेजों को लेकर आवंटी को परेशान किया जाना, उसके बाद सुविधा शुल्क लेकर मामलो को दुरुस्त कर देना कोई नहीं बात नहीं है।
नोएडा: प्राधिकरण कार्यालय के रिकार्ड रुम में रखी फाइल से आवंटी के कागजी दस्तावेज गायब होना, उन दस्तावेजों को लेकर आवंटी को परेशान किया जाना, उसके बाद सुविधा शुल्क लेकर मामलो को दुरुस्त कर देना कोई नहीं बात नहीं है। ऐसा पूर्व में अंगिनत बार होता आया है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि जब आवंटी (आवेदनकर्ता सुशील सूद) ने अपनी इकाई के विस्तार को प्राधिकरण की औद्योगिक भूखंड योजना में आवेदन (फार्म संख्या 5००1651०) किया हो, उसको विस्तार श्रेणी में चुना गया, ड्रा में शामिल होने के लिए सूचीबद्ध (क्रमांक 61 पेज नंबर 6) किया गया, लेकिन ड्रा के चंद मिनट पहले श्रेणी बदल दी गई हो। आवंटी पर आरोप लगाया गया कि सेक्टर-58 ए-56 स्थित मल्टीप्लाई पैकेजिग एएलपी में एक मोबाइल टावर लगा था, जिसको हटाने का प्राधिकरण ने 12 मार्च 2०1० को नोटिस (2०8/16०3, 2०1०) दिया था। लेकिन नोटिस का निस्तारण किया। जबकि कंपनी के निदेशक राजीव सूद ड्रा आयोजन में अधिकारियों से बताते रहे कि उन्होंने नोटिस का निस्तारण 12 अक्टूबर 2०13 को कर दिया था। लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने एक न सुनी और मनमानी कर ली। यही नहीं योजना में दो भूखंड को कोर्ट का हवाला देकर ड्रा में शामिल किया गया। जिसकी जानकारी किसी को नहीं थी।
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कोर्ट के आदेश को बनाया मजाक
प्रमोशनल क्लब पार्टनर रतन मनी ने बताया कि वर्ष 2००9-1० की औद्योगिक भूखंड योजना में आवेदन किया गया था। आवेदन संख्या 284-285 के तहत दो भूखंड की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी भूखंड का आवंटन नहीं किया। कोर्ट आदेश को मजाक बनाने में प्राधिकरण अधिकारी जुटे है। जानकारी मिली है कि आवमानना के बावजूद सोमवार अधिकारियों ने ड्रा में जानबूझ कर दोनो भूखंड संख्या को डालकर जबरन निस्तारित करने की कोशिश की।
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मोबाइल टावर हटाने की जानकारी बाइ पोस्ट व बाइ हैंड प्राधिकरण कार्यालय में रिसीव कराई गई है। साथ ही सर्वे करा वास्तिविक स्थिति से अवगत का आग्रह भी किया गया है। लेकिन अधिकारी कह रहे है कि कॉपी फाइल में मौजूद नहीं।
सुशील सूद (आवेदनकर्ता), निदेशक
आवेदनकर्ता संगठन का कार्यकारी सदसय है। ड्रा से पहले उनकी श्रेणी को ही अधिकारियों ने बदल दिया। इस प्रकार की हरकत प्राधिकरण के लिए कोई नई नहीं है। बातचीत की जाएगी, अन्यथा कोर्ट की शरण में न्याय के लिए जाएंगे।
विपिन कुमार मल्हन, अध्यक्ष, नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन विपिन कुमार मल्हन
रिपोर्ट: दीपांकर जैन
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