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चीन पर नई आफत: दुनिया के सबसे बड़े बांध के टूटने का खतरा, डूब जाएंगे कई राज्य
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा चीन अब एक नई मुसीबत में फंस गया है। दुनिया का सबसे बड़े थ्री जॉर्जेस डैम से चीन के 24 प्रांतों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा चीन अब एक नई मुसीबत में फंस गया है। दुनिया का सबसे बड़े थ्री जॉर्जेस डैम से चीन के 24 प्रांतों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। चीनी जलविज्ञानी वांग वेइलुओ ने बांध की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी है कि यह बांध कभी भी टूट सकता है। चीन के 24 प्रांतों में इन दिनों भारी बारिश हो रही है। खास तौर पर दक्षिणी चीन में एक जून से आंधी और तूफान का दौर चल रहा है जिसमें अभी तक 73 सौ से अधिक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। आंधी, तूफान और बारिश के कारण देश के करीब 80 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। थ्री जॉर्जेस बांध के टूटने के खतरा ने चीन के लिए एक और बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।
बांध के संभावित नुकसान से चीन में चिंता
थ्री जॉर्जेस को को दुनिया की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना माना जाता है और इससे होने वाले संभावित नुकसान को लेकर चीन में इन दिनों काफी चिंता फैली हुई है। चीन में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण इस बांध को बड़ा खतरा पैदा हो गया है। चीन के प्रसिद्ध जलविज्ञानी वांग ने बांध में आ रही दरारों पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि बांध के निर्माण में घटिया कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि एक ही समूह द्वारा इस बांध के डिजाइन करने के बाद इसे बनाया गया था और यह परियोजना बहुत जल्द ही समाप्त हो गई थी।
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पैदा हो सकती है भयावह स्थिति
चीनी जल विज्ञानी का कहना है कि देश के जल संसाधन मंत्री ने अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को स्वीकार किया है कि देश में कम से कम 148 नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। वांग ने कहा कि बांध के कारण यांग्त्जी नदी के निचले हिस्से में रहने वाले लोगों के लिए भयावह स्थिति पैदा हो सकती है। सरकार को इन लोगों को वहां से निकालने के लिए जल्द से जल्द प्रयास शुरू कर देना चाहिए।
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चीनी जलविज्ञानी ने की सरकार की आलोचना
चीनी जलविज्ञानी ने रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल को दिए एक इंटरव्यू में चीनी सरकार और राज्य मीडिया की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार द्वारा बांध के संभावित खतरे को स्वीकार करने से इनकार करना किसी के भी गले के नीचे नहीं उतर सकता। उन्होने कहा कि चीन में जिन वैज्ञानिकों ने सच बोलने का साहस दिखाया, उन्हें अपराधी की तरह पेश किया गया।
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बांध की संरचना पर उठते रहे हैं सवाल
चीन में थ्री जॉर्जेस बांध की परियोजना को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की ओर से 1992 में मंजूरी दी गई थी। उसके बाद इस बांध का निर्माण शुरू किया गया मगर 1994 में तकनीकी व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसके निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। बाद में फिर इस परियोजना पर काम शुरू किया गया और 2009 में यह परियोजना पूरी हुई। हालांकि इस बांध को दुनिया की बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धियों में गिना जाता है मगर इसकी संरचना को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। चीन में इन दिनों में मूसलाधार बारिश हो रही है और इस कारण बांध का जलस्तर बाढ़ की रोकथाम के स्तर से करीब दो मीटर ऊपर उठ चुका है। अगर बारिश के चलते इस बांध पर कोई खतरा पैदा होता है तो इससे चीन में भारी तबाही मच सकती है।