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आखिरकार चीन ने स्वीकार किया सच, पहली बार मानी जवानों के मारे जाने की बात

आखिरकार चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एक सप्ताह पहले 15 जून की रात हिंसक झड़प के दौरान अपनी सेना को भी भारी नुकसान पहुंचने की बात स्वीकार कर...

Ashiki
Published on: 22 Jun 2020 3:36 PM GMT
आखिरकार चीन ने स्वीकार किया सच, पहली बार मानी जवानों के मारे जाने की बात
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: आखिरकार चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एक सप्ताह पहले 15 जून की रात हिंसक झड़प के दौरान अपनी सेना को भी भारी नुकसान पहुंचने की बात स्वीकार कर ली है। चीन ने पहली बार माना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सैन्य कर्मियों के साथ हिंसक झड़प में उसने भी 20 से कम सैन्यकर्मी गंवाए हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने यह खबर दी है। वैसे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मारे गए सैन्य कर्मियों में चीन का एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल है।

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अभी तक चुप्पी साधे हुए था चीन

एक सप्ताह पहले पिछले सोमवार को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे। भारत ने इस घटना के बाद आधिकारिक रूप से अपने बीस सैन्य कर्मियों के शहीद होने की बात मान ली थी मगर चीन इस मामले में लगातार आनाकानी कर रहा था। भारतीय मीडिया में एक दिन पहले इस आशय की खबरें छपी थीं कि भारत ने चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को 16 चीनी सैनिकों के शव सौंपे थे। चीन की सरकार अभी तक अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर पर चुप्पी साधे हुए थी। उस समय ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा था कि चीन की ओर से हताहतों की संख्या इसलिए नहीं बताई जा रही है क्योंकि इससे सीमा पर तनाव और बढ़ सकता है।

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ग्लोबल टाइम्स ने मानी यह बात

अब ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारतीय सेना के साथ झड़प में हमारे हताहतों की संख्या 20 से कम है। ग्लोबल टाइम्स का यह भी कहना है कि अगर हताहतों की सही संख्या बता दी जाए तो भारत सरकार फिर दबाव में आ सकती है। ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विश्लेषकों के हवाले से दावा किया कि राष्ट्रवादियों को खुश करने के लिए भारत की ओर से चीन के हताहतों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है। वैसे चीन की ओर से अपने हताहत सैनिकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी न दिए जाने पर चीन के सोशल मीडिया में जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई है। चीन के लोग सरकार के इस रुख से सहमत नहीं है और इस रुख की तीखी आलोचना कर रहे हैं।

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विदेश मंत्रालय ने पुराना बयान दोहराया

पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने अपने एक बयान में दावा किया था कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के 40 से अधिक सैन्यकर्मी मारे गए। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में जनरल वीके सिंह के इस बयान का भी उल्लेख किया गया है। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उसके पास इस मुद्दे पर कुछ भी कहने के लिए नई जानकारी नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उनके पास इस मुद्दे पर कोई सूचना नहीं है। उन्होंने अपना पुराना रुख दोहराते हुए कहा कि कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर स्थिति को सुधारने के लिए दोनो देश एक- दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं।

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चीन का एक कमांडिंग ऑफिसर भी मारा गया

इस बीच सूत्रों का कहना है कि भारत के साथ गलवान में सैन्य स्तर की बातचीत में चीन ने यह बात मानी है कि मरने वाले चीनी सैन्यकर्मियों में उसका एक कमांडिंग ऑफिसर शामिल था। गलवान में हुई हिंसक झड़प के एक हफ्ते बाद यह नई जानकारी सामने आई है। भारत और चीन की सेना में 1967 के बाद अब तक का सबसे बड़ा सीमा टकराव हुआ है। इस हिंसक झड़प के दौरान शहीद हुए 20 भारतीय सैन्य कर्मियों में कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है झड़प के दौरान घायल हुए क्षेत्र भारतीय सैनिकों के जल्द ही ड्यूटी आखिरकार चीन ने स्वीकार किया सच, पहली बार मानी इतने जवानों के माने जाने की बात

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