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नोएडा: पर्यटन व निवेश को बढ़ावा देगा शहर में बनाए जाने वाला पहला हैलीपोड
मेट्रो सिटी बस सर्सिस के बाद अब नोएडा हैलीकाप्टर सेवाएं देने का मन बना चुका हैं। इसके लिए हैलीपोड बनाया जाएगा। इस हैलीपोड का प्रयोग देश में हैलीकाप्टर सेवाएं देनी वाली कंपनियां कर सकेंगी।
नोएडा: मेट्रो सिटी बस सर्सिस के बाद अब नोएडा हैलीकाप्टर सेवाएं देने का मन बना चुका हैं। इसके लिए हैलीपोड बनाया जाएगा। इस हैलीपोड का प्रयोग देश में हैलीकाप्टर सेवाएं देनी वाली कंपनियां कर सकेंगी।
किसी एक कंपनी को चयनित किया जाएगा। जिसकी सेवाओं का लाभ लेकर शहरवासी देश के किसी भी शहर को जा सकेंगे।
यहां किसी समारोह के लिए आसानी से हैलीकाप्टर किराए पर ले सकेंगे। इसका प्रयोग सरकारी (वीवीआईपी) कार्यक्रमों के लिए भी किया जाएगा। यह पूरी परियोजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर तैयार की जाएगी।
प्राधिकरण ने इसके लिए 10 एकड़ जमीन सेक्टर-151ए में चिन्हित की है। साथ ही इस योजना को मास्टर प्लान-2031 में शामिल कर लिया गया हैं। जनपद में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा हैं। यहा देश विदेश से लोग आएंगे।
निवेश व पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में प्राधिकरण ने यह कदम उठाया है। जिस स्थान पर हैलीपोड बनाया जाएगा उसे क्षेत्रीय पर्यटन की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। ताकि लोग यहा की संस्कृति से वाकिफ हो सके।
दिल्ली के नजदीक होने से लोग हैलीपोड का प्रयोग ज्यादा करेंगे साथ ही यहा के उद्यमियों के लिए आसानी हो जाएगी। उन्हें इन सेवाओं के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। जिस कंपनी को हैलीपोड का संचालन के लिए दिया जाएगा। उसे इसका अनुरक्षण कार्य भी करना होगा।
प्राधिकरण ने इस परियोजना को समझने के लिए प्रथम चरण में अपने सलाहकार से एक प्लान तैयार करवाया। योजना को जमीन पर लाने के लिए सलाहकार कंपनी की तलाश की जा रही है।
इसके लिए अगले माह तक रिक्यूवेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी की जा सकती हैं। यह पूरा मॉडल पीपीपी पर तैयार होगा। ऐसे में कंपनी द्वारा लागत निकालने के बाद ही इसे प्राधिकरण के हस्तगत किया जाएगा।
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एजेंसियों को किया जाएगा आमंत्रित
शहर में तीन से चार एजेंसियां है जो हैलीकाप्टर सेवाएं प्रदान करती है। इसमे पवन हंस व एसआईटीसी के अलाया दो अन्य है। इसमे पवन हंस का आफिस नोएडा में भी है। एेसे में इन चारों कंपनियों को ही हैलीपोड के संचालन के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसमे किसी एक कंपनी को मौका दिया जाएगा।
बनाए जाएंगे आठ हैलीपेड
हैलीपोड पर हैलीकाप्टर उतरने के लिए आठ हैलीपेड बनाए जाएंगे। हैलीकाप्टर के लिए केबिन बनाए जाएंगे। जिसमे इनको खड़ा किया जाएगा। बतौर इसके लिए प्राधिकरण सभी तरह की क्लीयरेंस व अनुमति के बाद ही इसका निर्माण कराएगी। इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
हालांकि पहले चरण में योजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। क्लीयरेंस के लिए डीपीआर रिपोर्ट को आईआईटी भेजा जाएगा। यहा से संतुती मिलने के बाद इसे राज्य सरकार भेजा जाएगा।
वहां से अनुमति के बाद ही योजन पर कार्य शुरू किया जाएगा। बता दें प्राधिकरण के लिए यह पहला कार्य होगा जिसमे वह शहर को देश के प्रत्येक कोने से हैलीकाप्टर के जरिए जोड़ने जा रही है।
पर्यटन के साथ बढ़ेगा निवेश
पर्यटन व निवेश के नजरिए से यह हैलीपोड काफी महत्वपूर्ण है। शहर के उद्यमियों ने बताया कि निवेशक पहले दिल्ी आता है फिर सड़क मार्ग के जरिए वह नोएडा आता है। इसके समय काफी खराब होता है। हैलीपोड शुरू होने से वह देश के किसी कोने से सीधे यहा आ सकेगा। उद्यमियों को आसानी हो जाएगी। शहर की कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी।
वहीं एससी गौड़, मुख्य वास्तुविद, नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि हैलीपोड के लिए डीपीआर तैयार की जा रही हैं। यह निवेश व पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होगा। यह पूरी योजना पीपीपी मॉडल पर तैयार की जाएगी।
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