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यहां निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी PTM जरूरी, जानिए क्या होगा फायदा
किसी भी प्राइवेट स्कूल में पीटीएम (PTM) होना आमबात है। लेकिन सरकारी स्कूलों में ये सपने जैसा है। खबर है कि अब सरकारी स्कूलों में भी पैरेंट्स-टीचर मीटींग अनिवार्य होगी। यूपी सरकार ने एजुकेशन सिस्टम में सुधार लाने के लिए एक और कदम उठाया है। अब राज्य में प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी पैरेंट्स मीटिंग करवाई जाएगी।
लखनऊ: किसी भी प्राइवेट स्कूल में पीटीएम (PTM) होना आमबात है। लेकिन सरकारी स्कूलों में ये सपने जैसा है। खबर है कि अब सरकारी स्कूलों में भी पैरेंट्स-टीचर मीटिंग अनिवार्य होगी। यूपी सरकार ने एजुकेशन सिस्टम में सुधार लाने के लिए एक और कदम उठाया है। अब राज्य में प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी पैरेंट्स मीटिंग करवाई जाएगी।
अधिकारियों की माने तो सभी सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स मीटिंग होगी, जहां बच्चों की पढ़ाई को लेकर शिक्षक बच्चों के माता-पिता से बात करेंगे। इस दौरान माता-पिता को भी उनके बच्चों के ड्रॉप आउट के बारे में बताया जाएगा और इसको लेकर उन्हें मोटिवेट किया जाएगा।अधिकारियों के मुताबिक, पीटीएम की शुरुआत जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में पड़ने वाले दूसरे सोमवार पर आयोजित की जाएगी। यदि इस दिन कोई सरकारी अवकाश होता है तो अगले दिन यह मीटिंग की जाएगी।
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अधिकारियों अनुसार टीचर इस बैठक की जानकारी बच्चों के नोट बुक्स के माध्यम से उनके पैरेंट्स को देगा। बैठक से दो दिन पहले इसके लिए पैरेंट्स को लिखित तौर पर सूचित किया जाएगा। अधिकारियों ने शिक्षकों के लिए यह भी जरूरी कर दिया है कि इस बैठक के दौरान उन्हें हर हाल में मौजूद रहना होगा।
हालांकि अब तक टीचर पैरेंट्स मीटिंग प्राइवेट स्कूलों में ही होती थी। सरकारी स्कूलों में कभी-कभार ही इसका आयोजन किया जाता था। बरेली में तो इसकी शुरुआत कर दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जनवरी में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहली टीचर पैरेंट्स मीटिंग का आयोजन करेंगे। इसके लिए शिक्षकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्कूल के वार्षिक समारोह का आयोजन फरवरी में किया जाएगा।
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पैरेंट्स टीचर मीटिंग में शिक्षकों की ओर से अभिभावकों को बच्चों के अटेंडेंस और शिक्षा के महत्व को भी बताने का भी काम किया जाएगा। छात्र के व्यवहार से जुड़े मामलों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा यदि परिवार के सामने कोई समस्या है तो वह भी जानने का प्रयास होगा।
अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों से कहा गया है कि वह बच्चों के अभिभावकों को स्कूल की गतिविधियों को लेकर जागरुक करने का प्रयास करें। इसमें योगी, किचन गार्डेन, खेल और अन्य सरकार अभियान शामिल किए जा सकते हैं।