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UP Vidhan Parishad Elections: पुरानी फाइल से! विधानपरिषद चुनाव में कोई क्रासवोटिंग नहीं हुई: रामप्रकाश

UP Vidhan Parishad Elections: भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामप्रकाश ने बताया है कि उनके जिले में विधानपरिषद चुनाव में कोई क्रासवोटिंग नहीं हुई है। वे इस बात की जानकारी देते हुए बताते हैं कि चुनाव आयोग ने सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोजित किया था जिससे कोई भी अनियमितता नहीं हुई। उन्होंने चुनाव के नतीजों के बारे में भी बताया और बताया कि उनके जिले में भाजपा ने सभी सीटें जीती हैं।

Yogesh Mishra
Published on: 9 May 2023 1:59 PM IST
UP Vidhan Parishad Elections: पुरानी फाइल से! विधानपरिषद चुनाव में कोई क्रासवोटिंग नहीं हुई: रामप्रकाश
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UP Vidhan Parishad Elections (social media)

UP Vidhan Parishad Elections: नई दिल्ली, 15 मई, 2000, भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्यसभा व विधानपरिषद चुनाव में हुई क्रॅास वोटिंग को लेकर गंभीर आत्ममंथन करने में भले ही जुटा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री रामप्रकाश गुप्त यह मानने का भी तैयार नहीं हैं कि इन चुनावों में क्रॉस वोटिंग हुई है। वह कहते हैं कि ‘क्रॉस वोटिंग नहीं हुई । हमारी असली सदस्य संख्या 160 की है, उसे 180 कहना ही गलत है।‘
पिछले दिनों विधानसभा की लॉबी में प्रदेश के विधायकों ने उनके साथ जो भी किया उसे श्री गुप्त अनुशासनहीनता तो मानते हैं । लेकिन साथ यह भी कहते हैं कि विधायकों ने इसके लिए माफी मांग ली है। लिहाजा, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं की जानी चाहिए।

लखनऊ और यहां इन दिनों प्रदेश संगठन व सरकार दोनों में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं भले ही गर्म हों। लेकिन मुख्यमंत्री पूरी तरह आश्वस्त हैं कि उनका बाल भी बांका नहीं होगा। वह कहते हैं, मेरी सरकार को कोई खतरा नहीं है। कल जब मुख्यमंत्री लखनऊ से रवाना हुए थे, तब चर्चा थी कि वह विधायकों को उकसाकर अपने खिलाफ ‘साजिश‘ रचने वालों का केंद्रीय नेतृत्व के सामने खुलासा करेंगे। लेकिन हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री विधायकों की कथित अनुशासनहीनता से न तो नाराज हैं और न ही क्षुब्ध।
इसके विपरीत वह कहते हैं, ‘इस घटना को पार्टी नेतृत्व के संज्ञान में लाने की जरुरत ही क्या है। हम इसे खुद सुलझा लेंगे।‘ साथ ही वह यह कहने से भी नहीं चूकते कि लखनऊ में उनके साथ जो कुछ हुआ या हो रहा है इसके पीछे उन लोगों की साजिश है जो ‘हमें हटा कर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।

उत्तरांचल राज्य के गठन के सिलसिले में एक बैठक में भाग लेने आए मुख्यमंत्री ने ‘दैनिक जागरण‘ से एक विशष बातचीत में केंद्र को लगभग हिदायत दी की ‘देहरादून के संबंध में कोई भी फैसला करने से पहले एक प्रतिनिधिमंडल भेज कर इस बाबत वहां के लोगों की राय जरुर ले ली जानी चाहिए।‘
उत्तरांचल समिति की बैठक के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैं इसी बैठक में भाग लेने यहां आया था। ऊधमसिंह नगर तथा हरिद्वार को लेकर खासी चर्चा हुई। प्रदेश सरकार से प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा था, उसमें हरिद्वार का कोई उल्लेख नहीं था। उन्होंने कहा कि हरिद्वार को उत्तरांचल में शामिल करने से पहले केंद्र को चाहिए कि वह अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेज कर हरिद्वारवासियों की इच्छा भी जान ले। वैसे केंद्र जो भी निर्णय लेगा प्रदेश सरकार उसका विरोध नहीं करेगी।
श्री गुप्त ने बताया कि बैठक में ऊधमसिंह नगर के सवाल पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भी गंभीर आपत्ति थी।
दिलचस्प तथ्य यह है कि भले ही लखनऊ विधान भवन में अपने साथ घटी घटना को लेकर उनकी अब तक प्रदेश संगठन अध्यक्ष से बातचीत न हुई हो लेकिन मुख्यमंत्री यह जरूर कहते हैं कि सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय है।

विधानसभा में पिछले दिनों उनके साथ जो कुछ हुआ उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, लॉबी में प्रोटेस्ट करने का विधायकों का तरीका उचित नहीं था। हमने सबको चेतावनी देते हुए कह दिया है कि सभी ऐसा करने से स्वयं को रोकें। सभी विधायक ट्रांसफर के मामलों को लेकर उत्तेजित थे। हमने सबकी माँगे नोट कर लीं हैं। जो उचित होगीं, उन पर ध्यान दिया जाएगा। अब पूरा मामला शांत हो गया है। किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने को जरुरत नहीं है। मेरा विश्वास है कि विधायक ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे। क्योंकि अधिकांश विधायकों ने मुझसे मिलकर गलती के लिए क्षमा मांग ली है।

यह पूछे जाने पर विधायकों की यह नाराजगी स्वतः स्फूर्त थी या कुछ और? श्री गुप्त का जवाब था कि लखनऊ में उनके साथ साजिश हो रही है। कुछ लोग उन्हें हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। राज्यसभा और विधानपरिषद चुनावों में क्रॉस वोटिंग के सवाल पर उन्होंने कहा, मैं इससे पूरी तरह असहमत हूँ कि कोई क्रॉस वोटिंग हुई। हमारी असली सदस्य संख्या 160 है और दोनों ही चुनावों में हमें एक सौ साठ मत मिले।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, उन्हें विधानपरिषद चुनावों में बाहर से चार अतिरिक्त वोट जरुर मिले। लेकिन यह वोट जाट आरक्षण और प्रदेश में चलाई जा रही भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के कारण प्राप्त हुआ।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें तो आठ अतिरिक्त वोट मिलने की उम्मीद थी। श्री गुप्त ने बताया कि उन्हें जाट सदस्य से जो दो वोट मिले थे, उसमें एक व्यक्ति ने अपना दूसरी वरीयता का वोट सुनील शास्त्री को दिया था।

सरकार व संगठन के बीच परस्पर सहमति से काम हो रहा है, यह कहने के साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि विधानसभा की लॉबी की घटना के संदर्भ में उनकी प्रदेश अध्यक्ष से अब तक कोई बात नहीं हुई है।

गठबंधन की राजनीति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे संविधान की देन है। इसमें व्यावहारिक दिक्कतें तो आती ही हैं। सब पार्टियों का अलग-अलग अनुशासन होता है और सबको एक साथ बांध कर ले चलने में दिक्कत होती है। प्रदेश की जर्जर आर्थिक स्थिति पर उनका कहना था कि काफी सुधर गई है। विश्व बैंक से बिजली क्षेत्र के सुधारों के लए 2100 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। इसमें से 1100 करोड़ रुपये तो बजट घाटे को पूरा करने में काम आ जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा 11वें वित्त आयोग कि सिफारिशें मान लिए जाने से भी उत्तर प्रदेश को केंद्र से बड़ी धनराशि प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में राजस्व संग्रह की दर अब 20 फीसदी है जो पहले से आठ से दस फीसदी थी।

उन्होंने कहा कि सरकारी खर्चों में कमी के लिए हम तीन सेवामुक्त व्यक्तियों के स्थान पर दो पदों पर ही नियुक्ति कर रहे हैं, एक पद समाप्त कर दिया जा रहा है। इससे खर्च मे भारी कमी हो रही है। अयोध्या में आज सुबह हुए बम विस्फोट को उन्होंने गंभीर षड्यंत्र बताते हुए कहा कि सबकी श्रद्वा के पात्र 90 वर्षीय रामचंद्र परमहंस को आहत करने का यह षड्यंत्र निंदनीय है। हिमने पुलिस प्रशासन को एलर्ट कर दिया है। इसकी गहराई से छानबीन हो रही है।

श्री गुप्त ने गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को अयोध्या में हुए बम विस्फोट की फोन पर जानकारी दी और आगामी 18 मई को उनसे मिलने का समय मांगा। मुख्यमंत्री अपने दिल्ली प्रवास के दौरान पार्टी अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे से भी मिले। श्री गुप्त ने बताया कि श्री ठाकरे के साथ उन्होंने प्रदेश के सागंठनिक चुनावों के बारे में बातचीत की।
(मूल रूप से दैनिक जागरण के नई दिल्ली संस्करण में दिनांक 16 मई, 2000 को प्रकाशित)



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