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500 महिलाओं को तोहफा: मिला 14 क्विंटल शकर व साड़ियाँ, चेहरे पर आई खुशी

इसी तर्ज पर कानपुर देहात के मोहम्मदपुर गांव में अपने अंदर संवेदनाओं का सागर लिए बैठे एक समाजसेवी ने अहसास, प्रेम और दुलार की मासूम ग्रामीणों पर बारिश कर दी।

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Published on: 13 Nov 2020 1:07 PM IST
500 महिलाओं को तोहफा: मिला 14 क्विंटल शकर व साड़ियाँ, चेहरे पर आई खुशी
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500 महिलाओं को तोहफा: मिला 14 क्विंटल शकर व साड़ियाँ, चेहरे पर आई खुशी (Photo by social media)

"हौसले बुलंद कर रास्ते पर चल दे तू,तुझे तेरा काम मिल जाएगा, अकेले तू पहल कर काफिला खुद बन जाएगा।"

कानपुर देहात: कोरोना महाकाल में जहां देश की आर्थिक स्थिति टूटी और जहां देश कई युवा साथी लोग बाघों ने अपनी नौकरियां गवा दी और बेरोजगार हो कर अपने घरों घर पहुंच गए ऐसे में उनके सामने घर के खर्चा घर चलाने में कई सारी दिक्कत परेशानियां उत्पन्न होने लगी उसके बाद समय-समय पर आने वाले त्योहारों को लेकर काफी दिक्कतें अपने आप में वह महसूस करने लगे ऐसी दिक्कतों को देखकर लोगों के घरों में दीपावली का त्यौहार पूरे हर्षोल्लास से मनाने के लिए समाजसेवी लोग आगे आने लगे और अपने निजी खर्च से त्योहारों में प्रयोग होने वाली सामग्री उन्हें उपलब्ध करा कर दीपावली के त्यौहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाने की बधाइयां भी दे रहे हैं।

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kanpur-dehat kanpur-dehat (Photo by social media)

कुछ इसी तर्ज पर कानपुर देहात के मोहम्मदपुर गांव में अपने अंदर संवेदनाओं का सागर लिए बैठे एक समाजसेवी ने अहसास, प्रेम और दुलार की मासूम ग्रामीणों पर बारिश कर दी।

महिलाओं के लिए भी 500 साड़ियाँ वितरित कर डाली

दीपोत्सव के सही मायने नजर आने और मासूम आंखों में खुशियों की चमक और चेहरे पर उत्साह की मुस्कुराहट लाने के लिए समाजसेवी प्रभात यादव ने 14 क्लिंटल शकर और 5 क्लिंटल मिठाई बांट दी। वहीं महिलाओं के लिए भी 500 साड़ियाँ वितरित कर डाली। और गरीब के दिलों को जगमग कर दिया। समाजसेवी की पहल से करीब 5 सौ लोगों के घरों में भी अपने स्तर पर गरीब बच्चों की दिवाली को जगमग दिया।

kanpur-dehat kanpur-dehat (Photo by social media)

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इस दौरान महिलाओं के आंसू छलक पड़े क्योंकि कोरोना काल से जूझ रहे गरीबों के घर दो वक्त की रोटी का इंतजाम नहीं था ऐसे में एक नेक मशीहा ने उनके घरों को रोशन कर दिया। समाजसेवी प्रभात यादव ने बताया कि भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव में सिर्फ मन की शांति के लिए बीते 8 वर्षो से लगातार अकेले ही गरीबों की मदद करते चले आ रहे है ऐसा करने के उन्हें मन की शांति मिलती है।

रिपोर्ट- मनोज सिंह

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