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इस चीनी मोबाइल कंपनी के खिलाफ FIR, लोगों को ऐसे दे रही थी धोखा, कहीं आप भी...

एक आईएमईआई देशभर के करीब साढ़े 13 हजार मोबाइलों में चल रहा है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में यह खुलासा होने के बाद संबंधित मोबाइल कंपनी व उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मेरठ की मेडिकल थाना पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।

Dharmendra kumar
Published on: 4 Jun 2020 7:07 PM GMT
इस चीनी मोबाइल कंपनी के खिलाफ FIR, लोगों को ऐसे दे रही थी धोखा, कहीं आप भी...
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मेरठ: एक आईएमईआई देशभर के करीब साढ़े 13 हजार मोबाइलों में चल रहा है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में यह खुलासा होने के बाद संबंधित मोबाइल कंपनी व उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मेरठ की मेडिकल थाना पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से कंपनी की यह भारी चूक मानी जा रही है।

पुलिस अधीक्षक नगर अखिलेश एन.सिंह ने आज इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल थाना क्षेत्र में वीवो कंपनी का एक मोबाइल एक पुलिस कर्मी द्वारा खरीदा गया था। इसमें खराबी आने पर बनने के लिए गया था। बन कर आया तो उसमें लगातार एरर आता रहा। एरर आने के बाद साइबर सैल मेरठ को उक्त मोबाइल को पुलिसकर्मी द्वारा दिया गया। जांच में पाया गया कि जिस आईएमईआई का नंबर मोबाइल शो कर रहा है। उसी आईएमईआई नम्बर के 13 हजार से अधिक मोबाइल प्रचलन में हैं। यह बड़ा संगीन मामला है। यह सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है।

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कंपनी की यह प्रथम दृष्टया लापरवाही प्रतीत हो रही है। इसका अपराधियों द्वारा लाभ लिया जा सकता है। इसमें इसमें संबंधित धाराओं में मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज कर थाना विवेचकऔर साइबर सेल के विशेषज्ञ लोंगो की टीम बना दी गई है। जिससे विवेचना में गुणवत्ता रहे। जांच में जिस प्रकार के भी तथ्य सामने आएंगे उसके परिप्रेक्ष्य में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।

कंपनी ऐसे कर रही थी धोखाधड़ी

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पुलिस के अनुसार, कुछ वर्षों पहले जब चाइनीज फोन आए थे तब उनका आईएमईआई नंबर एक ही होता था। सुरक्षा के लिहाज से यह खतरा थे। इसलिए भारत सरकार ने सभी नंबरों को ब्लैक लिस्ट किया। इसके बाद ट्राई के नियम लागू हुए। इसके तहत एक आईएमईआई सिर्फ एक मोबाइल को दिया जा सकता है। ऐसे में एक आईएमईआई कई हजार मोबाइलों में चल रहा है। यह नियमों का उल्लंघन है। सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा है। यदि उस आईएमईआई वाले मोबाइल से कोई अपराध हुआ तो पुलिस अपराधी को पकड़ भी नहीं पाएंगे।

रिपोर्ट: सुशील कुमार

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