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फेल हुई ऑनलाइन पढ़ाई: भीख मांग रहे सरकारी स्कूल के बच्चे, गुरुजी उड़ा रहे है मौज
ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई, लेकिन गरीब बच्चों के पास एंड्राइड फोन नहीं था। जिससे की वो ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकते थे, अरे साहब जिन बच्चों को 2 जून की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही थी, तो ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करते आज ऐसी ही तस्वीर रायबरेली में देखने को मिली है।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। ताजा मामला सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली का है। सरकारी स्कूल के बच्चे लॉकडाउन के बाद जहां अब अन लॉक का पांचवां चरण शुरू हो गया है। और मुख्यमंत्री का आदेश भी हो चुका है कि 15 अक्टूबर से सभी विद्यालय खुल जाएंगे वहीं एक ऐसी तस्वीर जिसे देखकर आपकी भी आंखों में आँसू आ जाएंगे।
स्कूली बच्चे को भीख मांगते रोड पर देखा गया
क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई, लेकिन गरीब बच्चों के पास एंड्राइड फोन नहीं था। जिससे की वो ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकते थे, अरे साहब जिन बच्चों को 2 जून की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही थी, तो ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करते आज ऐसी ही तस्वीर रायबरेली में देखने को मिली है जहां एक सरकारी स्कूल के बच्चे को भीख मांगते रोड पर देखा गया। रोंगटे खड़ा कर देने वाला दृश्य रायबरेली का है।
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यह सोनिया गांधी का क्षेत्र है और बीजेपी से यहां पर तीन-तीन विधायक मौजूदा हैं लेकिन जहां सरकार नारा दे रही है 'खूब पढ़ो आगे बढ़ो', 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' 'जय जवान-जय किसान' वहां ना तो आज किसान सुरक्षित और ना ही बेटी सुरक्षित और पढ़ाई के नारों को तो आप भूल ही जाए क्योंकि लॉक डाउन की समय सीमा में ना तो पढ़ाई हो पाई और ना ही इन मंचों से किए गए दावे और वादे ही जमीनी हकीकत में देखने को मिले।
खाने के लिए कुछ नहीं है
दरअसल, मामला मिलएरिया थाना क्षेत्र के खास परी गांव के सरकारी विद्यालय का है जहां का एक बच्चा सड़कों पर भीख मांग रहा था मीडिया कर्मियों की नजर पड़ते ही उस बच्चे से बात की गई तो उसने बताया कि खाने के लिए कुछ नहीं है इसलिए हमें भीख मांग नहीं पड़ रही है अब सरकार दावे जरूर कर रही हो की ऑनलाइन पढ़ाई से देश के भविष्य छात्रों छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कराई गई है।
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गरीब बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करें
लेकिन साहब सवाल यहां पर यही खड़ा होता है कि जो बच्चे सरकारी स्कूलों में मध्य भोजन की लालच और फ्री किताबें ड्रेस और वहां से मिलने वाली सुविधाओं के लिए पढ़ाई करने जा रहे थे आखिर उनका परिवार ऑनलाइन परीक्षा अपने बच्चों को कैसे करा पाता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस ओर जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि भले ही इंग्लिश मीडियम या हाई स्टैंडर्ड स्कूल में पढ़ कर पढ़ाई कर रहे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई लेकिन जिस घर में एक ब्लफ भी नहीं है वह क्या एंड्राइड मोबाइल खरीद सकता है तो क्या यह है देश का भविष्य क्या ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो कैसे पड़ेगा इंडिया यह कहावत चरितार्थ होता नजर नहीं आ रहा है ।
रिपोर्ट- नरेन्द्र सिंह, रायबरेली