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संत समाज के आगे आने पर ही वृद्ध जनों का बच पायेगा सम्मान: साध्वी ऋतंभरा
साध्वी ऋतंभरा ने कहा हमें इस समाज में इस प्रकार परिवर्तन लाना चाहिए जिससे वृद्धा आश्रम की ज़रूरत ही ना पड़े,हम संतो की भी ज़िम्मेदारी है कि समाज को जागरूक करें।
मथुरा: कान्हा की नगरी श्रीधाम वृंदावन के केशवधाम में अंतर्राष्ट्रीय वृद्घजन सम्मान समिति का 58 वां वार्षिक वसुंधरा रत्न अलंकरण समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा ,दीदी मां साध्वी ऋतंभरा, स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज, जगतगुरू पीपाचार्य बलराम बाबा, संत स्वामी करुण दास जी महाराज एवं महामंडलेश्वर आचार्य भास्करानंद जी महाराज को वसुंधरा रत्न से सम्मानित किया गया वही कार्यक्रम में शामिल हुए संतो ने समाज को नई दिशा देने पर जोर दिया ।
इस अवसर पर साध्वी ऋतंभरा ने कहा हमें इस समाज में इस प्रकार परिवर्तन लाना चाहिए जिससे वृद्धा आश्रम की ज़रूरत ही ना पड़े,हम संतो की भी ज़िम्मेदारी है कि समाज को जागरूक करें। तो वहीं स्वामी करुणदास ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युवायो के साथ साथ वृद्घजनों को समयनुसार हो रहे परिवर्तन को स्वीकार कर इस समस्या के समाधान में अपना सहयोग देने का आह्वान किया। श्री बलराम बाबा ने कहा कि प्रेम ह्रदय से हो तो मतभेद पैदा ही नहीं हो सकते।
महामंडलेश्वर भास्करानंद ने कहा कि हम आधुनिकतावाद की दौड़ में इतना आगे बढ़ गए हैं कि अपनी औलाद को अति सुविधाएँ उपलब्ध करा रहे हैं जो कि संतानो के बिगड़ने का कारण है। लेखक सतेंद्र जोशी ने कहा हम क्यूँ भूल जाते हैं कि मॉ बाप और गुरू ही हमारे जीवन के सच्चे साथी होते हैं जो हर परिस्थिति में हमारे साथ होते हैं। संतो ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें अपनी संतानो की आधुनिक सुख सुविधाओं के साथ साथ संस्कराओं पर पूरा ध्यान दिया जाये।
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उधर वृद्धजन सम्मान समिति के बारे में गिरीश गुप्ता सहसंस्थापक ने बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। यह संस्था पहली संस्था है जो देश के वृद्ध लोगों के सम्मान के लिए और जो बुजुर्गों का परिवार में तिरस्कार हो रहा है उनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है उनके स्वाभिमान के लिए जो चोट हो रही है उसको कैसे रोका जाए ।
इसके लिए यह संस्था पिछले 58 सालों से निरंतर कार्य कर रही है । यह संस्था उन संतो को सम्मानित करती है ओर संतो से यह अनुरोध करती है कि समाज में ऐसी चेतना जागृत करें कि परिवार में बच्चे अपने माता-पिता की देखरेख करें उनका तिरस्कार ना करें और उनके स्वाभिमान पर चोट न करे । जिससे उनके खुद के परिवार में शांति आएगी अपने बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा और एक भारतीय संस्कृति को जो हमारी भारतीय संस्कृति चली आ रही है उसका संरक्षण मिलेगा । गिरीश गुप्ता ने उन बच्चो को साधू वाद दिया जो वृद्ध लोगो की सेवा करते है साथ ही उन्होंने उन लोगो पर भी कार्यवाही करने की मांग की जिन्होंने अपने माता पिता का तिरस्कार किया हुआ है।
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इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी डॉक्टर गिरीश गुप्ता ,डॉक्टर वी.डी अग्रवाल ,आर.एस गोयल ,जनरल परसोत्तम दत्त ,प्रकाश गुप्ता ने संतो को माला शॉल पहनाया एवं सम्मान रत्न भेंट किया। डॉक्टर गिरीश गुप्ता जी ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।इस कार्यक्रम का संचालन श्री राधा बिहारी गोस्वामी ने किया। उधर संत सुदर्शनाचार्य ने अपने उधबोधन में अपनों से ठुकराये माता पिता के लिए आवाज़ उठाने वाली वृद्घजन सम्मान समिति का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट: नितिन गौतम
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