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पंचायत चुनाव: आनलाइन नामाकंन पर याचिका दाखिल, यूपी सरकार से मांगा जवाब

कोरोना का असर जीवन के हर पहलू पर पड़ रहा है। ऐसे में राजनीति और चुनाव भी इससे अछूते नहीं है। यूपी में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है।

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Published on: 11 Sept 2020 2:24 PM IST
पंचायत चुनाव: आनलाइन नामाकंन पर याचिका दाखिल, यूपी सरकार से मांगा जवाब
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पंचायत चुनाव: आनलाइन नामाकंन पर याचिका दाखिल, यूपी सरकार से मांगा जवाब (social media)

लखनऊ: कोरोना का असर जीवन के हर पहलू पर पड़ रहा है। ऐसे में राजनीति और चुनाव भी इससे अछूते नहीं है। यूपी में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार से आनलाइन नामाकंन के लिए दो सप्ताह में संक्षिप्त जवाब मांगा है।

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अगली सुनवाई के लिए आगामी 22 सितंबर की तिथि तय की है

गोपाल कृष्ण पाण्डेय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई के लिए आगामी 22 सितंबर की तिथि तय की है।

याचिकाकर्ता गोपाल कृष्ण पाण्डेय के वकील भरत प्रताप सिंह ने याचिका पर अपना पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया है कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसम्बर 2020 या उसके तुरंत बाद से शुरू होने की सम्भावना है। सरकार चुनाव की तैयारी में जुट गई है लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते लोगों को बाहर निकलने और चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने में परेशानी हो सकती है।

Panchayat Election Panchayat Election (social media)

याचिका में कहा गया है

बाहर निकलने से वायरस महामारी फैलने का भय हमेशा लगा रहने की सम्भावना रहेगी ऐसे में यूपी क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत (निर्वाचन) नियमावली 1994 में आवश्यक संशोधन किए जाने की आवश्यकता है, ताकि लोग ऑनलाइन नामांकन कर सकें। याचिका में कहा गया है कि ऑनलाइन नामांकन की व्यवस्था तभी संभव होगी जब प्रदेश सरकार चुनाव नियमावली में इसके लिए जरूरी संशोधन करे।

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उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से दो सप्ताह में सरकार का संक्षिप्त जवाब मांगा है। न्यायालय ने इस जनहित याचिका पर 22 सितम्बर को अगली सुनवाई में इस याचिका को फे्रश केस के तौर पर सूचीबद्ध किए जाने का निर्देश भी दिया है।

मनीष श्रीवास्तव

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