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लेते हैं 1 रुपये दक्षिणा: आरके श्रीवास्तव ने बनाया ये रिकार्ड, राष्ट्रपति ने की तारीफ़
आरके श्रीवास्तव देश में मैथेमैटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं। खेल-खेल में जादुई तरीके से गणित पढ़ाने का उनका तरीका लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं। सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं।
बिहार: बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले आरके श्रीवास्तव देश में मैथेमैटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं। खेल-खेल में जादुई तरीके से गणित पढ़ाने का उनका तरीका लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं। सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। आर्थिक रूप से सैकड़ों गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में पहुंचाकर उनके सपने को पंख लगा चुके हैं। यही नहीं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी आरके श्रीवास्तव का नाम दर्ज है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कर चुके हैं प्रशंसा
बता दें कि आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कर चुके हैं। इनके द्वारा चलाया जा रहा नाइट क्लासेज अभियान अद्भुत, अकल्पनीय है। स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने लिये 450 क्लास से अधिक बार पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित पढ़ा चुके हैं। इनकी शैक्षणिक कार्यशैली की खबरें देश के प्रतिष्ठित अखबारों में छप चुकी हैं, विश्व प्रसिद्ध गूगल ब्वाय कौटिल्य गुरु के रूप में भी देश इन्हें जानता है।
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पूरी रात लगातार 12 घण्टे पढ़ाने का इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज
आरके श्रीवास्तव के द्वारा नाईट क्लासेज के रूप में अभी तक 450 क्लास से अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घण्टे शिक्षा देने हेतु इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो चुका है। आपको बताते चले कि आरके श्रीवास्तव के नाईट क्लास की चर्चा अभिभावक भावक सहित शैक्षणिक संस्थाओ में खूब हो रहा। आरके श्रीवास्तवा के नाईट क्लास के मॉडल को जानने और समझने के लिए अभिभावक सहित शिक्षक भी उनके क्लास में बैठते है की कैसे आरके श्रीवास्तवा पूरे रात लगातार 12 घण्टे विद्यार्थियों को पूरे अनुसाशन के साथ मैथमेटिक्स का गुर सीखा रहे।
सेल्फ स्टडी के प्रति प्रेरित भी करते है बच्चों को
सुबह क्लास खत्म होने के बाद स्टूडेंट्स के माता पिता इस बात से काफी चकित थे की मेरा बेटा-बेटी घर पर एक घण्टे भी ठीक से पढ़ नही पाते उन्हें आरके श्रीवास्तव ने लगातार पूरे रात 12 घण्टे तक अनुशासन के साथ बैठाकर मैथमेटिक्स का गुर सिखाया। उन्हें सेल्फ स्टडी के प्रति प्रेरित किया गया कि कैसे आप पूरे रातभर पढ़ सकते है। आर के श्रीवास्तव के नाइट क्लास के रूप मे लगातार पूरे 12 घंटे बच्चों को शिक्षा देने के मुहिम अब देशव्यापी रूप लेने लगा है।
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गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में भी पढ़ाते हैं
आर के श्रीवास्तव को देश के विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक संस्थाएँ गेस्ट फैकल्टी के रूप मे अपने यहाँ शिक्षा देने के लिए बुलाती है। शिक्षक भी बच्चों के साथ आर के श्रीवास्तव के क्लास लेने के तरीकों को समझने के लिए क्लास में बैठते है की कैसे पूरे रात अनुशासन मे बच्चों को पढ़ाया जा सकता है। क्लास देखकर बच्चे सहित शिक्षक भी श्रीवास्तव को धन्यवाद देते है की पढ़ाने की ऐसी कला सारे शिक्षकों मे आ जाये तो कोई बच्चा शिक्षा से अपने को दूर नही कर पायेगा,और सफलता उसके कदम चूमेगी। रोहतास निवासी आरके श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही गणित में बहुत अधिक रुचि थी जो नौंवी और दसवी तक आते-आते परवान चढ़ी।
आरके श्रीवास्तव का बचपन भी काफी गरीबी से गुजरा है।
आरके श्रीवास्तव ने कड़ी मेहनत, ऊंची सोच, पक्के इरादे के बल पर आज देश में मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं, वे कहते हैं कि मेरे जैसे देश के कई बच्चे होंगे जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाते। आर के श्रीवास्तवा अपने छात्रों में एक सवाल को अलग-अलग मेथड से हल करना भी सिखाते हैं। वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते हैं।
तब आसमां भी आयेगी जमी पे, बस इरादों में जीत का जुनून चाहिए
आज इन्ही पंक्ति को जीवंत कर रहे मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तवा। निर्धन छात्रों के इरादों को सम्बल प्रदान कर उनके सपनो को साकार किया है। बिक्रमगंज जैसे छोटे शहर में आरके श्रीवास्तवा ने कई निर्धन छात्रों को निःशुल्क पढ़ा आईआईटी ,एनडीए और अन्य इंजिनयरिंग कॉलेजों में दाखिला के लिये कामयाब किया।
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हिटजी नामक संस्था से गरीब छात्रों के इरादों को पंख लगा चुके हैं
मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तवा अमेरिकी विवि से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित हो चुके है। लीक से हटकर कुछ अलग करने के इरादे से नौकरी नही की। हिटजी नामक संस्था की स्थापना कर गरीब छात्रों के इरादों को पंख लगा चुके है। मूलतः आरके श्रीवास्तवा ( रजनी कांत श्रीवास्तवा) जमोढी ( नटवार) निवासी अपने पिता पारस नाथ लाल और बड़े भाई शिवकुमार की असामयिक मृत्यु के बाद भी गरीब होनहारों को कामयाबी तक पहुचाने में लगे हुए है।आज आरके श्रीवास्तव के कामयाबी की धुन दूसरे राज्यो में भी बज चुके है।
नाईट क्लास प्रारूप ने सैकड़ो स्टूडेंट्स को किया कामयाब
सब्जी विक्रेता के बेटा, गरीब किसान, पान विक्रेता, मजदूर के बच्चों को श्रीवास्तव ने आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई, एनडीए, स्टेट इंजीनियरिंग सहित अनेकों प्रतिष्टित प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाकर उनके सपने को पंख लगाया।
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क्या कहते हैं सफल छात्र
छात्रों का कहना है कि आरके श्रीवास्तवा सर ने हमे सिखाया की सेल्फ स्टडी कैसे किया जाता है। इंजिनियरिंग कॉलेजो में दाखिला का सपना तो मैंने कभी देखा ही नही था। लेकिन उन्होंने मेरे इरादों को जीत के जुनून में बदला। नाईट क्लास के रूप में लगातार पूरे रात शिक्षा ग्रहण करना मेरे सपने को पंख लगाने में अहम रोल निभाया।