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काशी से कनाडा पहुंची मां अन्नपूर्णा, वापस लाएंगे पीएम मोदी, ऐसे निभाएंगे वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों बनारस के लोगों से वादा किया है कि जल्द जी माता कि प्रतिमा को वापस लाया जायेगा। इसके बाद काशीवासियों का इन्तजार और बढ़ गया है। हर किसी के मन में चोरी हुई प्रतिमा को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है।
वाराणसी: सात समंदर पार कनाडा में मिली मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को लेकर बनारस में सुगबुगाहट तेज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों बनारस के लोगों से वादा किया है कि जल्द जी माता कि प्रतिमा को वापस लाया जायेगा। इसके बाद काशीवासियों का इन्तजार और बढ़ गया है। हर किसी के मन में चोरी हुई प्रतिमा को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है।
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पीएम के बयान के बाद बढ़ा श्रधालुओं का इंतजार
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वरपुरी जी कहते हैं कि '' पूरी काशी को मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा का बेसब्री से इन्तजार है. मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि स्वदेशी आने पर प्रतिमा मंदिर प्रशासन को दीं जाये. हम इस प्रतिमा को मंदिर में स्थापित करेंगे. महंत रामेश्वपुरी जी के मुताबिक कनाडा में बरामद प्रतिमा के बारे में मंदिर के पास कुछ रिकार्ड मौजूद नहीं है। फिर भी पूरे विधि विधान से हम इस प्रतिमा को स्थापित करेंगे।
कनाडा से लाई जाएगी प्रतिमा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देव दीपावली के दिन राजघाट पर जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि जल्दी ही माता अन्नपूर्णा की मूर्ति आने वाली है। उनके इस एलान के बाद लोगों का इंतजार बढ़ गया है। लक्सा इलाके के रहने वाले रवि प्रकाश पाण्डेय नियमित तौर पर माता अन्नपूर्णा का दर्शन करते हैं। उनका कहना है कि ज़ब से मैंने माता की नई प्रतिमा के बारे में सुना है, उत्सुकता बढ़ गई है। प्रधानमंत्री से निवेदन है कि जल्द से जल्द इस मूर्ति को वापस लाया जाये ताकि हमें माता का दर्शन मिल सके..
कैसे कनाडा पहुंची मां अन्नपूर्णा की मूर्ति ?
माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस मूर्ति का निर्माण बनारसी शैली में 18वीं शताब्दी में हुआ था. अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना स्थित मैकेंजी आर्ट गैलरी के कलेक्शन का हिस्सा थी। इस आर्ट गैलरी को 1936 में वकील नॉर्मन मैकेंजी की वसीयत के मुताबिक बनवाया गया था। पिछले साल विनिपेग में रहने वाली भारतीय मूल की आर्टिस्ट दिव्या मेहरा को मैकेंजी आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी लगाने के लिए बुलाया गया था।
उन्होंने गैलरी में रखीं प्राचीन मूर्तियों का अध्ययन करना शुरू किया। उनकी नजर देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति पर पड़ी। उन्होंने पहले सोचा कि यह भगवान विष्णु की मूर्ति है, लेकिन महिला रूप देखकर दिव्या मेहरा सोचने पर मजबूर हुईं। मूर्ति के एक हाथ में खीर का कटोरा था और दूसरे हाथ में दंड. जब उन्होंने रिकॉर्ड्स खंगाला तो पता चला कि 1913 में एक मंदिर से ऐसी ही मूर्ति गायब हुई थी, जिसे मैकेंजी आर्ट गैलरी ने एक्वायर किया था।
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क्या है मां अन्नपूर्णा की महिमा ?
धर्म और मोक्ष की नगरी काशी में माता अन्नपूर्णा के दर्शन का बड़ा ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि माता अन्नपूर्णा का दर्शन करने मात्र से ही घर धन-धान्य और सुख-समृद्धि से भरा रहता है। खुद भगवान शिव ने माता अन्नपूर्णा से काशी के भरण-पोषण के लिए शिक्षा प्राप्त की थी. तब से माता अन्नपूर्णा दर्शन करते हुए अन्न की कमी नहीं होती है।
रिपोर्ट: आशुतोष सिंह