×

बाराबंकी के कुंवर दिव्यांश को PM मोदी करेंगे सम्मानित, ऐसे बचाई थी बहन की जान

कुंवर दिव्यांश सिंह नवाबगंज तहसील के मखदूमपुर के रहने वाले हैं। दिव्यांश सिंह को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। दिव्यांश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शाबासी देंगे।

Roshni Khan
Published on: 25 Jan 2021 5:54 AM GMT
बाराबंकी के कुंवर दिव्यांश को PM मोदी करेंगे सम्मानित, ऐसे बचाई थी बहन की जान
X
बाराबंकी के कुंवर दिव्यांश को PM मोदी करेंगे सम्मानित, ऐसे बचाई थी बहन की जान (PC: social media)

बाराबंकी: बाराबंकी के कुंवर दिव्यांश सिंह ने महज तेरह साल की उम्र में अपनी बहादुरी से सांड के हमले से अपनी बहन समेत आठ लोगों को बचाकर कीर्तिमान बनाया था। इसके लिए इन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर सहित करीब दो दर्जन पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अब इनका चयन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवार्ड-2021 के लिए किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिव्यांश को शाबासी देंगे।

ये भी पढ़ें:ओली और प्रचंड गुट में बढ़ेगी वर्चस्व की जंग, पीएम का खेमा उठा सकता है ये बड़ा कदम

कुंवर दिव्यांश सिंह नवाबगंज तहसील के मखदूमपुर के रहने वाले हैं

कुंवर दिव्यांश सिंह नवाबगंज तहसील के मखदूमपुर के रहने वाले हैं। दिव्यांश सिंह को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। दिव्यांश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शाबासी देंगे। दिव्यांश को यह पुरस्कार तीन साल पहले अपनी बहन की सांड़ के हमले से भिड़कर जान बचाने के लिए दिया जा रहा है। दिव्यांश सिंह 30 जनवरी 2018 को अपनी पांच वर्षीय बहन समृद्धि समेत आठ दूसरे स्कूली बच्चों के साथ लौट रहा था। तभी शहर के रोडवेज बस अड्डे के पास एक सांड़ ने उसकी बहन पर हमला कर दिया। बहन की जान का खतरा देख दिव्यांश ने बहादुरी और अदम्य साहस दिखाते हुए अपने स्कूली बैग से ही हमलावर सांड़ से भिड़ गया और आखिर में सांड़ को भगाकर बहन की जान बचा ली।

दिव्यांश के दाहिने हाथ में चार जगह फ्रैक्चर हो गया

इस दौरान दिव्यांश के दाहिने हाथ में चार जगह फ्रैक्चर हो गया। कुंवर की इस बहादुरी की चर्चा पूरे प्रदेश में हुई थी। तीन साल बाद उसे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से दिव्यांश के घर पहुंचे पत्र से इसकी जानकारी मिली। यही नहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुंवर दिव्यांश से सीधे बात कर बहादुरी के लिए उसे शाबासी भी देंगे। इससे पहले भी दिव्यांश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, पूर्व राज्यपाल रामनाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्मानित कर चुके हैं। दिव्यांश के पिता डॉ. डीबी सिंह लखनऊ स्थित डॉ. शकुंतला मिश्र दिव्यांग विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण विभाग के एसोसिएट संकायाध्यक्ष और मां डॉ. विनीता सिंह पैसार स्थित श्री गंगा मेमोरियल पीजी कॉलेज में उपाचार्य हैं।

ये भी पढ़ें:गिलोय का इस्तेमाल करते हैं तो हो जाएं सावधान, इन लोगों के लिए है खतरनाक

अवार्ड के लिए चयनित कुंवर दिव्यांश सिंह का कहना है

अवार्ड के लिए चयनित कुंवर दिव्यांश सिंह का कहना है कि किसी भी मुश्किल से डरने के बजाय उसका मजबूती से मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी 2018 को वह जयपुरिया स्कूल से पढ़ाई कर घर लौट रहे थे। स्कूल बस से उतरने के बाद वह अपनी बहन और सात बच्चों के साथ जा रहे थे। रास्ते में सांड बच्चों की ओर बढ़ा तो उन्होंने अपने स्कूल बैग से सांड पर ताबड़तोड़ कई वार किए। इससे सांड उसे धक्का देते हुए भाग गया, जिससे वह गिर गए। दिव्यांश की बहादुरी से उनकी बहन समेत आठ बच्चों की जान तो बच गई, लेकिन गिरने से दिव्यांश के दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हो गया, जोकि करीब तीन माह बाद ठीक हुआ।

रिपोर्ट- सरफराज वारसी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story