×

यूपी के इस जिले में बारह गावों के किसान नहीं मनाएंगे होली, जानें पूरा मामला

किसान कार्यदाई संस्था कंपनी द्वारा फसल को नष्ट करते हुए देख, किसान फसल को बचाने की गुहार करने लगे लेकिन पहले से तैयार एसडीएम चुनार, जंग बहादुर यादव के नेतृत्व में भारी संख्या में उपस्थित पुलिस एवं पीएसी के जवानों ने महिला व पुरुष किसानों के ऊपर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज कर दिया।

SK Gautam
Published on: 2 March 2020 10:58 AM GMT
यूपी के इस जिले में बारह गावों के किसान नहीं मनाएंगे होली, जानें पूरा मामला
X

मिर्ज़ापुर: थाना अदलहाट के जादवपुर व कुंडाडीह गांव के पास जेसीबी व पोकलैंन लगाकर सरसों गेहूं अरहर व मसूर की फसल को प्रशासन द्वारा रौंदा जा रहा था। किसान कार्यदाई संस्था कंपनी द्वारा फसल को नष्ट करते हुए देख, किसान फसल को बचाने की गुहार करने लगे लेकिन पहले से तैयार एसडीएम चुनार, जंग बहादुर यादव के नेतृत्व में भारी संख्या में उपस्थित पुलिस एवं पीएसी के जवानों ने महिला व पुरुष किसानों के ऊपर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज कर दिया। लाठी लाठी चार्ज में लगभग 82 किसानों को चोटें आई है घायलों में किसी का हाथ तो किसी का पैर तथा सर में गंभीर चोटें आई हैं कुछ किसानों का हाथ फैक्चर भी हुआ है घायलों में महिलाओं की संख्या अधिक है।

वर्तमान सरकार में प्रशासन की निरंकुशता

पुलिस व पीएसी द्वारा महिलाओं पर लाठीचार्ज किया जाना एक आश्चर्य की बात है जिसको लेकर किसानों ने एडीएम वित्त एवं राजस्व यूपी सिंह को एक पत्र सौंपते हुए वर्तमान सरकार में प्रशासन की निरंकुशता को लेकर बात कही है किसानों का कहना था की 15-20 दिन में फसल कट जाती तब रेलवे भूमि को नापी करके अधिग्रहित करें लेकिन किसानों के ऊपर लाठी आवर्ता कर जमीन को अधिग्रहीत किया गया जबकि 27 नवंबर 2019 को एसडीएम चुना र द्वारा आश्वासन दिया गया था की फसल कटने के बाद ही भूमि अधिग्रहण की जाएगी किसानों ने पत्रक तो कर मांग किया कि किसानों पर हुए अत्याचार की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए।

ये भी देखें: यहां शादी के बाद पांच दिनों तक बिना कपड़े पहनें रहती हैं महिलाएं

किसानों की छः सूत्रीय मांगों के साथ सौंपा ज्ञापन

रेलवे में अधिग्रहित भूमि के बदले किसानों को नौकरी एवं मुआवजे की मांग करते किसानों ने जिलाधिकारी को एक पत्र देते हुए पुरैनी, बरईपुर, गोरखपुर माफी, देवरिया, मकईपुर, करहट, पकरी, डोमरी, जादोपुर, कुंडाडीह, सींकिया, जैरामपुर, जमालपुर, नरायनपुर, बैकुंठपुर, बरीजीवनपुर, जोगवां, भोरमार माफी के रेलवे भूमि अधिग्रहण में किसानों ने ज्वलंत समस्याओं की तरफ अपना ध्यान आकर्षित कराते हुए मांग किया है।

किसानों ने अपनी मांग को आगे बढाते हुए कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना में रेलवे बोर्ड के उप निदेशक रवि शेखर ने मुगलसराय से कानपुर के बीच 13000 बेरोजगारों को नौकरी देने का आदेश दिया था। जिसमें रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को आवेदन मांगने का भी निर्देश दिया था। यह आदेश 13 अगस्त 2010 के कई अखबारों में प्रकाशित हुई थी।

दूसरी मांग के अनुसार नौकरी के आश्वासन पर किसानों ने 2012-13 में मुआवजा ले लिया जबकि भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा जारी नौकरी के आदेश को कार्यदाई संस्था डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना में नौकरी के आदेश को निरस्त कर दिया।

तीसरी मांग यह है कि जिन किसानों के जमीन के अधिग्रहण का गजट 2009 में किया गया मुआवजा 2013-14 में दिया गया उन किसानों को मुआवजे की राशि 2013-14 के सर्किल रेट से उचित मूल्य पर दिया जाए।

इसी के साथ चौथी मांग सभी किसानों की जमीन जरूरत से ज्यादा अधिग्रहित किया जा रहा है। उसे नाप कर सही किया जाए।

इसी के साथ पांचवीं मांग कुछ किसानों की जमीन 4 गुना का अध्यादेश पास होने के बाद अधिग्रहण किए जबकि मुआवजा पुराने नियम से दिया गया उसे 4 गुना दिलाया जाए।

रेलवे क्रॉसिंग 115/सी पर अंडर ग्राउंड पुल बन रहा है जोकि कैनाल एरिया में होने की वजह से मई-जून की बारिश में पानी का स्तर लगभग सात-आठ फिट तक आ जाता है। जबकि पुल की गहराई 18-20 फिट है जिसमें हमेशा पानी भरा रहेगा इस मार्ग पर चार जगह से लगभग 300 मीटर पर रेलवे लाइन बन गई है। जिस मार्ग से क्षेत्र के लगभग 20 गांवों के लोगों का आना-जाना दूभर हो गया है इसलिए ओवर ब्रिज पुल बनाया जाए।

ये भी देखें: बाप रे बाप! ऐसे नेता, जिन्होंने बेटी के उम्र की लड़कियों से की शादी

प्रियंका गांधी के ट्वीट आने के बाद किसानों के साथ खड़े हुए कांग्रेसी

प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर किसानों के साथ हुए अत्याचार ट्वीट किया। जिसके बाद किसानों का साथ देने पहुंचे अपने समर्थकों के साथ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिव कुमार सिंह पटेल उन्होंने किसानों के ऊपर हुए अत्याचार के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक पत्रक सौंपा। जिसमें पुरुष किसानों ने बर्बरता पूर्वक महिलाओं पर लाठीचार्ज करने वह खड़ी फसल को नष्ट करने का विरोध करते हुए किसानों के साथ नजर आए और किसानों के ऊपर हुए अत्याचार की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग किए।

किसानों ने किया एलान नही मनाएंगे होली का त्योहार

किसानों ने महिलाओं पर हुए अत्याचार के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के संयोजक ने होली का त्योहार नही मनाने का एलान किया है । अनिल सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि होली का त्यौहार हिंदुओं का त्यौहार है। जिस पर किसान अपनी नई फसल होलीका दहन में लेकर जाता है। नई फसल को होलिका में समर्पित करता है, उसके साथ अच्छी बारिश की कामना करता है ।

लेकिन जब हमारी फसल को सरकार द्वारा रौंद दिया गया और हमारे पास खाने को कुछ नहीं बचा तो हम त्यौहार कहां से मनाएंगे। उन्होंने बताया कि 7 किलोमीटर के क्षेत्र में रेलवे ने हमारी खड़ी फसलों को रौंद दिया है। इसलिए हम सभी 16 गांव के लोग एलान करते हैं कि हम लोग इस बार होली का त्यौहार नहीं मनाएंगे ।

मेरे पीठ पर मार लो साहब लेकिन पेट पर मत मारो

साविता देवी रोते हुए कहती है कि होली का त्योहार कैसे मनाए होली से पहले ही मेरे अन्नदाता को एसडीएम साहब ने छीन लिया । अब हमारे बच्चे भूखे मरेंगे तो होली का त्यौहार अच्छा लगेगा, अन्नदाता से बड़ा होली का त्यौहार नहीं है। उन्होंने बताया कि रविवार को जब फसल रौदी जा रही थी। तब मैंने एसडीएम साहब से कहा कि मेरे पीठ पर पर मार लो साहब लेकिन मेरे पेट पर मत मारो इतना कहते हुए जोर जोर से रोने लगी। हम यही चाहते हैं की जो हमारा अन्न बर्बाद हुआ है उसका सर्किल रेट से 4 गुना उचित मुआवजा दिया जाए और साथ ही एसडीएम को बर्खास्त किया जाए।

वर्जन-एडीएम वित्त एवं राजस्व यूपी सिंह

रेलवे भूमि अधिग्रहण के बदले किसानों के द्वारा नौकरी समेत अन्य मांगे की जा रही हैं।लेकिन उनकी मांग पूरी न होने के कारण एसडीएम साहब ने किसानों की जमीन पर कब्जा कर लिया है जिसके विरोध में किसान लोग आए हैं किसानों द्वारा मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन दिया गया है।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story