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लखनऊ: कार के पीछे जातिसूचक स्टीकर लगाने पर पुलिस ने काटा चालान

प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार को बीते कुछ समय से लगातार ऐसी कम्प्लेन मिल रही थीं, जिसमें ये कहा जा रहा था कि गाड़ियों में जातिसूचक स्टीकर लगाने का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है।

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Published on: 28 Dec 2020 10:33 AM IST
लखनऊ: कार के पीछे जातिसूचक स्टीकर लगाने पर पुलिस ने काटा चालान
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यूपी की राजनीति और सामाजिक व्यवस्था में जातीय समीकरण हावी रहा हैं। यही वजह है कि टू व्हीलर और फोर व्हीलर गाड़ियों पर भी गाहे-बगाहे इसकी झलक दिखाई पड़ जाती है।

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में गाड़ी पर जातिसूचक स्टीकर लगाकर चलना एक युवक को भारी पड़ गया। थाना नाका पुलिस ने जातिसूचक शब्द लिखने पर कानपुर के बिल्हौर निवासी आशीष सक्सेना की कार चालान काटा।

कार के पीछे सक्सेना जी लिखा था। गाड़ियों पर जातिसूचक स्टीकर लगाने पर प्रतिबंध लगने के बाद लखनऊ का ये पहला मामला है।

बता दें पीएएमओ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने गाड़ियों पर जाति या धर्मसूचक स्टिकर लगाने पर प्रतिबंध लगाया है।

VEHICLE CHECKING गाड़ियों का चालान करते ट्रैफिककर्मी(फोटो: सोशल मीडिया)

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गाड़ियों को सीज करने के साथ कटेगा चालान

दरअसल, यूपी की राजनीति और सामाजिक व्यवस्था में जातीय समीकरण हावी रहा हैं। यही वजह है कि टू व्हीलर और फोर व्हीलर गाड़ियों पर भी गाहे-बगाहे इसकी झलक दिखाई पड़ जाती है।

कई लोग तो अपनी गाड़ियों के नेमप्लेट पर जाट, यादव, गुर्जर, क्षत्रिय, राजपूत, पंडित, मौर्य जैसे जाति-सूचक नाम लिखवा कर घूमते हैं। लेकिन अब ऐसा करने वालों पर उत्तर प्रदेश की सरकार कड़ा एक्शन लेगी।

यूपी सरकार अब जातिसूचक स्टीकर लगे होने पर गाड़ियों को सीज करने की कार्रवाई करेगी। साथ ही ऐसे वाहन मालिकों का चालान काटा जाएगा।

इस बाबत सूबे के अंदर सभी ज़िलों के परिवहन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गये हैं। यह आदेश केंद्रीय परिवहन विभाग के निर्देश के बाद निर्गत किये गये हैं।

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Traffic Rules गाड़ियों का चालान करते ट्रैफिककर्मी(फोटो: सोशल मीडिया)

ये है असली वजह

प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार को बीते कुछ समय से लगातार ऐसी कम्प्लेन मिल रही थीं, जिसमें ये कहा जा रहा था कि गाड़ियों में जातिसूचक स्टीकर लगाने का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है।

इसके सांकेतिक अर्थ एक-दूसरी जातियों को कमतर दिखाने के लिये भी किया जाता है। लिहाजा सभ्य समाज के लिये ऐसी परंपरा ठीक नहीं है।

इसी के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यूपी सरकार को पत्र लिखकर इस प्रथा पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसी के मद्देनजर योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों के परिवहन अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।

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