TRENDING TAGS :
राजनीति के अखाड़े में दिल ने किया इन दिग्गजों को चित
यूपी की राजनीति में इन दिनों भाजपा विधायक कुलदीप सिह सेंगर को लेकर राजनीति का पारा गरम हैं । उन पर 16 साल की एक लड़की के साथ नौकरी के नाम पर यौनाचार किए जाने का आरोप है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी की राजनीति में इन दिनों भाजपा विधायक कुलदीप सिह सेंगर को लेकर राजनीति का पारा गरम हैं । उन पर 16 साल की एक लड़की के साथ नौकरी के नाम पर यौनाचार किए जाने का आरोप है। यह मामला पुराना है। वर्ष 2017 में पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि नौकरी के लिए भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर ने उसके साथ बलात्कार किया। घटना के लगभग एक साल बाद जब अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की। तब यह मामला प्रकाश में आया था। पुलिस की निष्क्रियता से निराश लड़की ने आत्मदाह का प्रयास किया था।
समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार के दौरान कुलदीप सेंगर तब समाजवादी पार्टी में हुआ करते थे जब सपा सरकार के तत्कालीन मंत्री गायत्री प्रजापति और पीस पार्टी के विधायक डा अयूब पर यौनषोषण के आरोप को लेकर राजनीति गरम हुई थी। इसी सरकार में एक और विधायक अरुण वर्मा पर भी इसी तरह के आरोप लगे। यूपी की राजनीति में इस तरह की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। पिछली कई सरकार में इस तरह के मामले उठते रहे है। इसके पहले अन्य दलों की सरकारों में भी इसी तरह की घटनाएं जनता के सामने आ चुकी हैं।
यह भी पढ़ें…वीरता पुरस्कार पाकर पहली बार चर्चित हुई थीं आनंदी बेन पटेल
महेन्द्र कुमार सिंह उर्फ झीन बाबू
समाजवादी पार्टी से कई बार विधायक बने महेन्द्र कुमार सिंह उर्फ झीन बाबू भी इसी तरह के एक मामले में फंस चुके हे। अखिलेश यादव की सरकार में वर्ष 2013 में उनके विधायक महेन्द्र कुमार सिंह उर्फ झीन बाबू भी गोवा में रंगरेलियां मनाने का आरोप लगा था जिसके बाद उन्हे सस्पेंड कर दिया गया था।
अमरमणि त्रिपाठी
वर्ष 2003 में कवियत्री मधुमिता के साथ रिश्ते बनाने के बाद विधायक अमरमणि त्रिपाठी ने अपनी पत्नी के साथ साजिश कर उसकी हत्या कर दी थी। जिसके बाद उन्हे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी। अमरमणि के साथ उनकी पत्नी को भी मधुमणि को साजिश में शमिल होने के कारण आजीवन कारावास की सजा हुई।
यह भी पढ़ें…उन्नाव रेप केस-हत्या: भाजपा विधायक समेत 10 पर बड़ी कार्रवाई
मेराजुद्दीन
मुलायम सरकार के दौरान 2006 के आसपास मेरठ का कविता प्रकरण खूब सुर्खियों में रहा था जिसमें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त मेराजुद्दीन का नाम उछला था जिसके कारण उन्हे मंत्री पद से इस्तीफ भी देना पड़ा था। मामला यौन उत्पीडन के साथ ही कविता की हत्या करने से सम्बन्धित था।
आनन्द सेन
मायावती सरकार के दौरान साल 2011 में बसपा विधायक आनन्द सेन पर एक युवती शशि का अपहरण कर उसकी हत्या का आरोप लगा था जिसके बाद निचली अदालत ने विधायक आनन्द सेन को सजा सुनाई थी। बाद में हाईकोर्ट ने 2013 में उन्हे संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया।
यह भी पढ़ें…उन्नाव रेप पीड़िता की हालत गंभीर, चाहे तो कहीं और ले जा सकते हैं परिजन: KGMU
हाजी अलीम
बसपा के विधायक हाजी अलीम पर भी साल 2003 में अपोलो सर्कस की नेपाली बालिकाओं के साथ यौन शोषण करने के आरोप में फंसे। नेपाली लड़कियों ने पुलिस के पास जाकर हाजी अलीम और उनके भाई तथा अन्य साथियों पर आरोप लगाया था कि यह सब लोग उन्हे बांधकर उनके साथ यौन शोषण करते थें।
भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित
बहुजन समाज पार्टी की सरकार में पार्टी के तत्कालीन विधायक भगवान षर्मा उर्फ गुड्डू पंडित पर साल 2008 में एक युवती शीतल बिडला के साथ बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
यह भी पढ़ें…ट्रंप की धमकियों को भारत ने दिखाया ठेंगा, रूस के साथ की 1,500 करोड़ की ये डील
राममोहन गर्ग
मायावती सरकार में बसपा सरकार के दौरान राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राममोहन गर्ग को यौनाचार के मामले में गिरफ्तार हुए थें। अलीगढ की रहने वाली सीमा चैधरी ने आरोप लगाया था कि राममोहन गर्ग ने उसका षारीरिक षोषण किया और उसकी एक सीडी भी बना ली।
पुरुषोत्तम द्विवेदी
मायावती की 2007 वाली सरकार के दौरान बसपा विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी पर साल 2010 में नौकरानी ने आरोप लगाया कि उसके साथ विधायक ने लखनऊ स्थित आवास पर कई बार बलात्कार किया। इस मामले में मायावती ने सीबीआई जांच कराई जिसके बाद पुरुषोत्तम द्विवेदी को सजा हो गयी।
दद्दू प्रसाद
इसी सरकार में बसपा के एक और विधायक दद्दू प्रसाद पर भी 2011 में बांदा में एक महिला ने आरोप लगाया कि उन्होंने लगातार कई महीनों तक उसका शारीरिक शोषण किया। इस मामले की जांच हुई तो पहले दद्दू प्रसाद का पार्टी ने टिकट काटा बाद में पार्टी से बाहर कर दिया।