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स्वीकृत पदों से ज्यादा भर दिए गए पद, खुलासा होने पर मचा हड़कंप
बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय में आउटसोर्सिंग के द्वारा नियुक्त किए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। आरोप है कि अधिकांश कर्मचारियों की तैनाती कंपनी ने बिना किसी आवश्यकता के ही कर दी थी। सूत्रों को अनुसार इसके एवज में नियुक्ति किए गए लोगों से मोटी करम वसूली गई।
लखनऊ: आउटसोर्सिंग कंपनी व अस्पताल प्रशासन ने जरुरत से ज्यादा कर्मचारियों के नियुक्ति के मामले ने तूल पकड़ा लिया है। स्वीकृति पद के सापेक्ष करीब डेढ़ गुना अधिक नियुक्ति करने के मामले का खुलासा होने पर विशेष सचिव ने अस्पताल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल सरप्लस कर्मचारियों को हटाने का निर्देश दिया। लेकिन इसके बाद अधिकारियों ने कानों में जूं नहीं रेंगी और पूरे मामले को ठंड बस्ते में डाल दिया।
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बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय में आउटसोर्सिंग के द्वारा नियुक्त किए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। आरोप है कि अधिकांश कर्मचारियों की तैनाती कंपनी ने बिना किसी आवश्यकता के ही कर दी थी। सूत्रों को अनुसार इसके एवज में नियुक्ति किए गए लोगों से मोटी करम वसूली गई।
74 पद पूर्व में स्वीकृत, सौ से अधिक कर्मचारियों की तैनाती
विभागीय आंकडों के मुताबिक अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 74 पद पूर्व में स्वीकृत थे। लेकिन इन पदों के सौ से अधिक कर्मचारियों को तैनाती कर दी गई थी। कर्मचारियों के सरप्लस होने के कारण शासन को प्रतिमाह लाखों रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
हालांकि अस्पताल का निरीक्षण करने आई विशेष सचिव के संज्ञान में आते ही उन्होंने अपर स्वास्थ्य निदेशक को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि यहां पहले से जो सृजित पदों की संख्या बहुत कम है, जबकि विशेष सचिव स्वीकृत पदों के सापेक्ष अधिक कर्मचारियों की तैनाती पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया था।
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एक प्रश्न के जवाब में सीएमओ (चीफ मेडिकल ऑफिसर) ने कहा कि विशेष सचिव ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए नहीं बल्कि स्टाफ नर्स के लिए कहा था, ऐसे में दस स्टाफ नर्स को हटा दिया गया है। जबकि विशेष सचिव ने सेवा प्रदाता संस्था के माध्यम से तैनात किए गए, सभी सरप्लस कर्मचारियों को हटाने का निर्देश दिया थाl