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Power Cuts in UP: यूपी में बिजली संकट, चार उत्पादन इकाइयां ठप, कम हुआ 1925 मेगावाट बिजली उत्पादन, कटौती बढ़ी
Power cuts in UP: प्रदेश में इस समय बिजली की मांग 28 हजार मेगावाट की है। जबकि उपलब्धता मात्र 26,317 मेगावाट है। आंकड़ा देखने से पता चलता है कि प्रदेशम में इस समय 1925 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है।
Power cuts in UP: प्रदेश में बिजली शंकट गहराता जा रहा है। चार उत्पादन इकाइयां बंद होने से 1925 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो गया है। इसके चलते ग्रामीण इलाकों में ढाई घंटे से ज्यादा की बिजली कटौती की जा रही है। इस उमस भरे गर्मी में उपभोक्ताओं का बुरा हाल है। किसानों को सिंचाई को लेकर समस्याएं हो रही है।
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प्रदेश में इस समय बिजली की मांग 28 हजार मेगावाट की है। जबकि उपलब्धता मात्र 26,317 मेगावाट है। आंकड़ा देखने से पता चलता है कि प्रदेशम में इस समय 1925 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के बाद से 660 मेवाट की मेजा उत्पादन इकाई बंद है। जबकि अनपरा बीटीपीएस की यूनिट चार में 500 मेगावाट का उत्पादन 17 अगस्त से बंद है। वहीं ललितपुर यूनिट नंबर दो में 660 मेगावाट का उत्पादन 18 अगस्त से बंद पड़ा है। हरदुआ की यूनिट सात में होने वाले 105 मेगावाट का उत्पादन 20 अगस्त से बंद है। यहां पर कोयले की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण उत्पादन प्रभावित है।
ऐसे में पॉवर सप्लाई को प्रबंधित करने के लिए ग्रामीण इलकों में बिजली आपूर्ति को कम कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब शतप्रतिशत आपूर्ति हो रही थी उस समय भी लोकल फॉल्ट के चलते उपभोक्ताओं को निर्धारित दर से कम बिजली मिलती थी। जबकि अब घोषित तौर पर कम आपूर्ति की जा रही है।
कहां कितना हो रही बिजली कटौती
ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा विभाग द्वारा निर्धारित शिड्यूल के अनुसार 18 बिजली दी जाती है। लेकिन उत्पादन इकाइयां ठप होने के बाद अब सीर्फ 15.31 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो रही है। जबकि नगर पंचायत में 21.30 घंटे की जगह 20.30 घंटे, तहसील में 21.30 घंटे के स्थान पर 21 घंटे वहीं बुंदेलखंड में 20 घंटे स्थान पर 18.45 घंटे ही बिजली का आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार जिला मुख्यालय, मंडल मुख्यालय, महानगर मुख्यालय और औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे आपूर्ति का दावा किया जा रहा है।
दो दिन और बंद रहेंगी उत्पादन इकाइयां
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राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के अनुसार उत्पादन यूनिट बंद होने से बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ी गईं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती के चलते फसलों का नुकासन हो रहा है। उन्होंने बताया कि 20 अगस्त को 16,317 मेगावाट की उपलब्धता थी, जबकि अधिकतम मांग 28 हजार मेगावाट से अधिक थी। बिजली कटौती करके ऊर्जा प्रबंधन किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार उत्पादन इकाइयां अभी दो से तीन दिन बंद रहेंगी। ऐसे में उपभोक्ताओं को कटौती से हो रही समस्या बनी रहेगी। जबकि किसानों को इस समय ज्यादा बिजली की आवश्यकता है। पॉवर कार्पोरेशन ने इन्हें तत्काल बिजली आपूर्ति कराने को कहा।