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मेरठ में अवैध तरीके से हो रहा था पीपीई किट का निर्माण, फैक्ट्री सील
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में आज अवैध तरीके से पीपीई किट का निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री को सील कर दिया गया। जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, मेरठ के उपायुक्त उद्योग वी के कौशल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस फैक्ट्री में पीपीई किट का निर्माण अवैध तरीके से किया जा रहा था।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में आज अवैध तरीके से पीपीई किट का निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री को सील कर दिया गया। जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, मेरठ के उपायुक्त उद्योग वी के कौशल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस फैक्ट्री में पीपीई किट का निर्माण अवैध तरीके से किया जा रहा था।
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उपायुक्त उद्योग ने बताया कि एक न्यूज चैनल में इस संबंध में कल एक रिपोर्ट प्रसारित की गई थी, जिसके बाद आज विभागीय टीम द्वारा फैक्ट्री में छापा मार कर जांच की गई तो पता चला कि फैक्ट्री संचालक मनोज गर्ग द्वारा अधोमानक पीपीई किट का निर्माण अवैध तरीके से किया जा रहा है। इकाई की जांच करने पर यह भी संज्ञान में आया कि इकाईस्वामी द्वारा लाॅकडाउन में इकाई संचालन की अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी एवं पीपीई किट निर्माण हेतु किसी भी संस्था से प्रमाणीकरण भी प्राप्त नहीं किया गया। उपरोक्त व्यक्ति की फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।
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वी के कौशल ने बताया कि जनपद मेरठ में कोरोना वायरस की महामारी को दृष्टिगत रखते हुए किसी अन्य इकाईयां भी यदि पीपीई किट का विनिर्माण की क्षमता रखती है। ऐसी इकाईयां लाॅकडाउन के कारण उत्पाद का प्रमाणीकरण नहीं करा पा रहीं हैं।
ऐसी स्थिति में सम्मानित उद्यमियों को सूचित किया जाता है कि पीपीई किट निर्माण करने वाली इकाईयां अपने उत्पाद के प्रमाणीकरण हेतु पीपीई किट सीलबंद लिफाफे में, जिसपर निर्माण करने वाली इकाई का पूर्ण पता, इकाईस्वामी का मोबाईल नम्बर व उत्पाद के मानक का स्पष्ट विवरण अंकित हो, 22 अप्रैल की सांय चार बजे तक जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, सूरज कुण्ड रोड, मेरठ में अनिवार्य रूप से जमा कर दें, ताकि उनके उत्पाद को प्रमाणीकरण संस्था को भेजकर मानकता व विशिष्टियों के संबंध में अनुमोदन प्राप्त कराया जा सके।
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उपायुक्त उद्योग के अनुसार भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित संस्था से पीपीई किट का प्रमाणीकरण न होने की दशा में किसी इकाई द्वारा निर्मित किए जाने वाली पीपीई किट निर्माण का कृत्य अपराध की श्रेणी में माना जायेगा और तद्नुसार आपदा प्रबन्धन नियमों के अंतर्गत कार्यवाही भी की जा सकती है।
रिपोर्ट: सुशील कुमार
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