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पीएम आवास योजना पर लगी नजर, 60 फीसदी अभ्यर्थी मिले अपात्र
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पंजीकृत 1.38 लाख परिवार के दोबारा सत्यापन के दौरान तकरीबन 60 फीसदी अभ्यर्थी अपात्र मिले हैं।
बलिया । प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पंजीकृत 1.38 लाख परिवार के दोबारा सत्यापन के दौरान तकरीबन 60 फीसदी अभ्यर्थी अपात्र मिले हैं। इसको लेकर भारी संख्या में पंचायत सचिवों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में 60 फीसदी अभ्यर्थी अपात्र
मुख्य विकास अधिकारी विपिन कुमार जैन ने आक्रामक तेवर अख्तियार कर लिया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के आवंटन में मिल रही धांधली व अपात्रों को आवंटन की सूचना के बाद मुख्य विकास अधिकारी जैन ने आज एक अभियान चलाया, जिसके तहत जिले के सभी 163 न्याय पंचायतों में री-वेरिफिकेशन के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों की फौज को गांवों में उतार दिया गया।
163 न्याय पंचायतों में री-वेरिफिकेशन अभियान
ग्राम पंचायतों में शुरू हुए इस री-वेरिफिकेशन कार्य पर नजर रखने के लिए सीडीओ विपिन जैन स्वयं विकास खंड दुबहड़ में थे। वहीं से ग्राम पंचातयों में हो रहे सत्यापन कार्य के बारे में लगातार जानकारी लेते रहे। इसी तरह परियोजना निदेशक डीएन दूबे गड़वार ब्लाॅक तथा डीडीओ चिलकहर में थे।
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पात्रों को ही आवास योजना का लाभ देने पर जोर
सीडीओ जैन का पूरा जोर पात्रों को ही आवास योजना का लाभ देने पर है। उनकी स्पष्ट मंशा है कि किसी अपात्र को किसी हालत में आवास नहीं मिले। इसके लिए उन्होंने सभी न्याय पंचायत स्तर पर अधिकारियों को दोबारा सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी। इस क्राॅस वेरिफिकेशन के कार्य में जिला स्तरीय अधिकारी व तहसील/ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी थे। ये सभी अधिकारी एक साथ गुरूवार को फील्ड में उतरे और रैण्डम तरीके से सत्यापन किया। ये अधिकारी जिन ग्राम पंचातयों में पहुंचे, वहां हड़कम्प की स्थिति बनी रही।
दोबारा सत्यापन के होंगे तीन चरण
सूत्रों के अनुसार, सत्यापन के दौरान करीब 50 से 60 फीसदी अपात्र मिले, जिनका रजिस्ट्रेशन कर दिया गया है। सीडीओ जैन ने स्पष्ट कहा, चूंकि पंजीकरण पंचायत सचिव को मिले यूजर आइडी पासवर्ड के जरिए आवास प्लस ऐप पर किया गया है, लिहाजा उनकी जवाबदेही अवश्य तय की जाएगी। सीडीओ विपिन कुमार जैन ने कहा कि इस दोबारा सत्यापन के तीन चरण होंगे।
पहला, जिला या तहसील या ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी सत्यापन करेंगे।
दूसरा, अगर कोई अपात्र मिलता है तो उसकी रिपोर्ट देंगे।
तीसरा, अपात्र का रजिस्ट्रेशन करने वाले जिम्मेदार की जवाबदेही तय होगी।
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दोष के हिसाब से दण्ड का भी प्राविधान
साफ किया है कि दोष के हिसाब से दण्ड का भी प्राविधान होगा। सीडीओ विपिन कुमार जैन का पूरा ध्यान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्रों को लाभ देकर हर गरीब को पक्का छत उपलब्ध कराने पर है। ग्रामीण की तरह शहरी क्षेत्र के हर पात्र को लाभ मिले, इसके लिए उन्होंने सभी नगरीय निकाय के अधिशासी अधिकारियों की एक बैठक ली। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अपात्र का नाम चयन भी हुआ तो ठीक नहीं। ऐसी शिकायत मिली जिम्मेदार पर कार्रवाई तय है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से अगर पात्रों का चयन हो तो हर गरीब के पास पक्का छत हो जाएगा। बस इसके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।
अनूप कुमार हेमकर
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