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Prayagraj News: किसान नेता नरेश टिकैत को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका, हुआ ये आदेश
Prayagraj News: हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिसमें कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर वादी की अर्जी पर कार्रवाई की जाए।
Prayagraj News: भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अब 20 साल पुराने एक हत्याकांड मामले में गवाही होगी। हत्याकांड मामले में नरेश टिकैत के खिलाफ गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिसमें कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर वादी की अर्जी पर कार्रवाई की जाए। इससे पूर्व अर्जी दाखिल करने में देरी के चलते निचली अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि यह केस 2003 में मुजफ्फरनगर के भौरा कला थाने में दर्ज हुआ था।
मुजफ्फरनगर के भौरा कला थाने में 2003 में दर्ज हुआ था केस
किसान नेता नरेश टिकैत कि एक बार फिर मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। इस बार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नरेश टिकैत को 20 वर्ष पुराने हत्या के मामले में झटका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हत्याकांड मामले में नरेश टिकैत के खिलाफ गवाही होगी। साथ ही ट्रायल कोर्ट को कार्रवाई का भी निर्देश दिया है, इसके साथ ही कहा है कि प्राथमिकता के आधार पर अर्जी पर कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। आपको बता दें टिकैत व अन्य के खिलाफ मुजफ्फरनगर में चल रहे आपराधिक केस में एसएचओ भौंरा कला एसएस चौधरी व आइओ गुलाब चंद्र आर्या को गवाह के रूप में रिकार्ड के साथ बुलाने की अर्जी सत्र अदालत द्वारा निरस्त करने के आदेश को रद कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को अर्जी पर प्राथमिकता से कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सत्र अदालत ने गवाह बुलाने की अर्जी दाखिल करने में देरी करने तथा सुप्रीम कोर्ट के छह माह में केस तय करने के निर्देश के कारण अर्जी खारिज कर दी थी। उसे शिकायतकर्ता याची योगराज व राज्य सरकार ने चुनौती दी थी।
मुजफ्फरनगर से केस का ट्रांसफर दिल्ली करने की अर्जी खारिज
कोर्ट ने दोनों याचिकाएं मंजूर कर ली हैं। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर से केस का ट्रांसफर दिल्ली करने की अर्जी खारिज कर सत्र अदालत को छह माह में केस तय करने का आदेश दिया है। यदि गवाह बुलाया जाता है तो केस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने योगराज व राज्य सरकार की याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। गौरतलब है कि अब नरेश टिकैत की मुश्किलें आने वाले वक्त पर बढ़ती हुई नजर आएंगी, अब देखना दिलचस्प होगा कि 20 साल पुराने इस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना रुख क्या इख्तियार करता है और फैसला किसके पक्ष में आता है।