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Eid al-Adha 2023: बकरीद के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस की नजर, लखनऊ में 94 ईदगाह-1210 मस्जिदों में होगी नमाज अता

Eid al-Adha 2023: बकरीद या ईद उल अजहा को देखते हुए लखनऊ को सुरक्षा की दृष्टि से 4 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है। DCP लखनऊ ने बताया कि, बकरीद के मौके पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर रहेगी।

Aman Kumar Singh
Published on: 27 Jun 2023 1:39 PM GMT (Updated on: 27 Jun 2023 1:47 PM GMT)
Eid al-Adha 2023: बकरीद के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस की नजर, लखनऊ में 94 ईदगाह-1210 मस्जिदों में होगी नमाज अता
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बकरीद के मद्देनजर पुलिस की नजर चप्पे-चप्पे पर (Social Media)

Eid al-Adha 2023: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बकरीद के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बकरीद या ईद उल अजहा (Eid al Adha 2023) को देखते हुए लखनऊ को 4 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है। DCP लखनऊ ने बताया कि, बकरीद के मौके पर राजधानी में 94 ईदगाह और 1210 मस्जिदों में नमाज अता की जाएगी। नमाज अता करने बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जुटेंगे। किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस-प्रशासन ने पुख्ता और चाक-चौबंद व्यवस्था की है।

DCP लखनऊ ने बताया, ईद उल अजहा के मद्देनजर 6 पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) ,10 ADCP और 21 ACP की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं, 52 प्रभारी निरीक्षक, 101 अतिरिक्त निरीक्षक भी तैनात किए गए हैं। साथ ही, 922 उपनिरीक्षक, 48 महिला उपनिरीक्षक के साथ-साथ 4000 के करीब आरक्षी व 12 कंपनी PAC की तैनात रहेगी। पुलिस ने बताया खुले में कुर्बानी पूर्णतः प्रतिबंधित है। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाएगी।

क्यों मनाया जाता है ईद-उल-अजहा?

ये इस्लामी कैलेंडर (Islamic Calendar) का बारहवां और अंतिम महीना है। दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ये महीना खास महत्व रखता है। क्योंकि, ये वही महीना है जिसमें मक्का की हज यात्रा (The Hajj to Mecca) होती है। इस महीने के 10वें दिन ईद-अल-अजहा (Eid-ul-Adha) यानी बकरीद होती है। सऊदी अरब (Saudi Arab) समेत खाड़ी के देशों में रविवार को ही ईद-अल-अजहा का चांद नजर आ गया था। खाड़ी देशों (Gulf Countries) में बकरीद 28 जून, 2023 को मनाई जाएगी।

कुर्बानी का त्योहार

मुस्लिम धर्म में बकरीद बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे 'कुर्बानी का त्योहार' कहा जाता है। इस्लाम (Islam) में बकरीद के मौके पर 'अल्लाह' के नाम पर कुर्बानी दी जाती है। मुसलमान भाई इस दिन नमाज अदा करने के बाद बकरे की कुर्बानी देते हैं। रमजान (Ramadan) के पवित्र महीने के दो महीने बाद बकरीद मनाया जाता है।

जानें क्यों मनाते हैं बकरीद?

इस्लामिक मान्यता (Islamic Beliefs) के अनुसार, हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल (Story of Prophet Ismail) को इसी दिन खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे। तब अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दिया। इसी की याद में ये त्योहार मनाया जाता है। पूरी दुनिया के मुस्लिम इस महीने में ही सऊदी अरब के मक्का में जमा होकर 'हज' मनाते हैं। बकरीद के मौके पर गरीबों का खास ख्याल रखा जाता है। बकरीद (Eid-ul-Adha 2023) पर दी गई कुर्बानी के तीन हिस्से किए जाते हैं। इसमें से एक हिस्सा अपने लिए और शेष दो हिस्से अपने करीबियों और गरीबों तथा जरूरतमंदों को दिए जाते हैं।

Aman Kumar Singh

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