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कोरोनाकाल में प्राइवेट हॉस्पिटलों को लेकर शासन ने कही ये बात

कोविड-19 पर रोकथाम के नाम पर प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम संचालकों से धन उगाही होने की शिकायतों के चलते शासन ने महत्वपूर्ण निर्णय किया है।

Newstrack
Published on: 5 July 2020 9:19 AM GMT
कोरोनाकाल में प्राइवेट हॉस्पिटलों को लेकर शासन ने कही ये बात
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सीतापुर: कोविड-19 पर रोकथाम के नाम पर प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम संचालकों से धन उगाही होने की शिकायतों के चलते शासन ने महत्वपूर्ण निर्णय किया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम पर चिकित्सकीय कार्य के लिये किसी भी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। संचालक कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत शासन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए ओपीडी शुरू करें। अन्य चिकित्सकीय कार्य भी इसी के तहत किए जाएं। स्थानीय स्तर पर किसी भी विभाग अथवा प्रशासन से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

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शासनादेश पर अमल शुरू

इस सन्दर्भ में सचिव उत्तर प्रदेश शासन वी हैकाली झीमोमी ने तीन जुलाई को प्रदेश के सभी सीएमओ और डीएम को शासनादेश जारी किया है। इस पर अमल करने की कवायद शुरू कर दी गई है। अब प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम के संचालक को स्थानीय स्तर पर बिना अनुमति के लेकिन, नियमानुसार मरीजों का उपचार कर सकेंगे।

डीएम, सीएमओ की चलती थी मनमानी

शासन को यह आदेश यूं ही नहीं जारी करना पड़ा है। दरअसल, लगभग सभी जिलों में अस्पताल नर्सिंग होम पर चिकित्सकीय कार्य को लेकर चिकित्सक गफलत में रहते थे। प्रशासन की ओर से स्पष्ट नीति नहीं बनाई गई। किसी अस्पताल को खोलने की अनुमति दी जाती तो किसी में ताला बन्दी। आरोप तो यह भी लगाए जाने लगे कि सीएमओ स्तर से धन उगाही की जा रही है। इंकार करने वालों के अस्पताल पर कार्रवाई की जाती।

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सीतापुर सीएमओ रहे विवादों में

सीतापुर सीएमओ डॉ आलोक वर्मा कोरोना काल की शुरुआत से ही विवादों में रहे हैं। लापरवाही, बदइंतजामी को लेकर डीएम अखिलेश तिवारी ने कार्रवाई के लिये शासन को दो बार पत्र लिख चुके।शासन से कार्रवाई की चेतावनी दी गई। फ़िलहाल डॉ वर्मा की तैनाती सीतापुर में बरकरार है। डॉ वर्मा की लापरवाही का आलम ये है कि खुद हो सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल नहीं करते। शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में घर घर कोरोना जांच के लिए मीटिंग थी। जिले भर के चिकित्सकों को बुलाया गया था। सभागार में सब सटे हुए बैठे थे। कई ने मास्क भी नहीं लगाया था। डीएम जैसे ही सभागार पहुंचे तो नजारा देख भड़क गए। बोले, ऐसी मीटिंग में मुझे मत बुलाया करिये। इसके बाद डॉक्टर कुछ फासले पर बैठे और मीटिंग शुरू हुई।

रिपोर्टर-पुतान सिंह, सीतापुर

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