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प्रियंका ने मिड डे मील की बदहाली पर यूपी, तो बढ़ती महंगाई पर केंद्र सरकार को घेरा 

प्रियंका गांधी ने जहां मिड डे मील में बदहाली के लिए योगी सरकार की उदासीनता को तो वहीं महंगाई के लिए केंद्रीय वित मंत्री की आर्थिक नीति को दोषी ठहराया है। 

SK Gautam
Published on: 11 Dec 2019 8:55 AM GMT
प्रियंका ने मिड डे मील की बदहाली पर यूपी, तो बढ़ती महंगाई पर केंद्र सरकार को घेरा 
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लखनऊ: कांग्रेस महासचिव व यूपी में पार्टी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने यूपी के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर तथा महंगाई के लिए केंद्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने जहां मिड डे मील में बदहाली के लिए योगी सरकार की उदासीनता को तो वहीं महंगाई के लिए केंद्रीय वित मंत्री की आर्थिक नीति को दोषी ठहराया है।

मिडडे मील व्यवस्था में बदहाली का कारण भाजपा सरकार-प्रियंका गांधी

प्रियंका का कहना है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सरकारी स्कूलों और बच्चों के प्रति उदासीनता मिडडे मील व्यवस्था में बदहाली का कारण है। उन्होंने ट्वीट किया है, उत्तर प्रदेश से आए दिन सरकारी स्कूल के बच्चों को दोयम दर्जे का मिड डे मील देने की खबरें आती हैं।

मिड डे मील का उद्देश्य था बच्चों को सम्मान से पौष्टिक भोजन देना। लेकिन यूपी में बच्चों को कभी नमक रोटी, कभी पानी वाली दाल, कभी पानी वाला दूध दिया जाता है। इसका मुख्य कारण है उप्र की भाजपा सरकार की सरकारी स्कूलों और इन बच्चों के प्रति उदासीनता है।

प्याज लहसुन के दाम आम आदमी को लूट रहे है

इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव ने महंगाई के लिए केंद्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान पर भी ट्वीट किया है जिसमे वित मंत्री ने कहा था कि वह प्याज-लहसुन नहीं खाती है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है कि वित्तमंत्री जी, यह जानकर अच्छा लगा कि आप खुद प्याज लहसुन नहीं खाती है लेकिन आप खुद की नहीं देश की वित मंत्री है। प्याज लहसुन के दाम आम आदमी को लूट रहे है तो आपको हल निकालना होगा।

जब किसान ने प्याज उगाई तो आपने उन्हे दो रुपये व आठ रुपये किलो का दाम दिया। बिचैलिए मालामाल हुए और किसान आत्महत्या के लिए मजबूर। इन खराब नीतियों के चलते बुवाई का रकबा घट गया। आपने उसके लिए भी कुछ नहीं किया। अब प्याज आंसू रूला रहा है, किसान को कुछ नहीं मिला। आम जनता महंगा प्याज खरीदे, बस बिचैलिओं की चांदी है। यह आपकी नीतियों का दिवालियापन है।

SK Gautam

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