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यूपी में कांग्रेस के स्वर्णिम अतीत की तलाश में प्रियंका
प्रियंका गांधी ने इसके लिए तमाम कवायदे भी शुरू कर दी है। यूपी पर फोकस करने के लिए वह राजधानी लखनऊ में अपना एक आशियाना भी तैयार करा रही है। संभावना है कि आने वाले समय में वह अपना अधिकतर समय यूपी में ही बितायेंगी।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: यूपी में अर्श से फर्श पर पहुंच चुकी कांग्रेस के स्वर्णिम अतीत को वापस लाने के लिए कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने कमर कस ली है। बतौर प्रभारी प्रियंका न केवल पार्टी के संगठन को कस रही है बल्कि प्रदेश की ज्वलंत घटनाओं और समस्याओं पर स्वयं सक्रियता दिखाते हुए मोर्चा संभाल रही है।
प्रियंका गांधी ने इसके लिए तमाम कवायदे भी शुरू कर दी है। यूपी पर फोकस करने के लिए वह राजधानी लखनऊ में अपना एक आशियाना भी तैयार करा रही है। संभावना है कि आने वाले समय में वह अपना अधिकतर समय यूपी में ही बितायेंगी। इसके साथ ही प्रियंका ने पार्टी संगठन के पेंच भी कसना शुरू कर दिए है।
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मलाई काट रहे दिग्गज कांग्रेसियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया
लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली करारी हार के बाद से ही प्रियंका कांग्रेस कार्यकर्ताओं को साफ-साफ बता रही है कि यूपी में यह कांग्रेस की सबसे बड़ी हार है साथ ही यह भरोसा भी दिला रही है कि अगर पूरी एकजुटता से काम किया जाए तो जल्द ही यूपी में कांग्रेस एक सियासी हैसियत हासिल कर लेगी। इतना ही नहीं पिछले दिनों प्रियंका ने यूपी के कई ऐसे दिग्गज कांग्रेसियों को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिया, जो पार्टी के काम तो नहीं आते थे लेकिन पार्टी के नाम पर मलाई काट रहे थे।
योगी सरकार को सक्रियता दिखानी पड़ी
प्रियंका गांधी यूपी में जन सरोकारों से जुडे़ हर मुददे पर न केवल मुखर हो रही है बल्कि सक्रियता भी दिखा रही है। अभी बीते शनिवार को ही उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाये जाने की घटना पर उन्होंने जो तेवर दिखाये उससे जहां अन्य विपक्षी दल सपा और बसपा भी इस घटना के विरोध में सक्रिय हुए वहीं यूपी की योगी सरकार को भी अति सक्रियता दिखानी पड़ी।
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इसके बाद अब सोमवार को लोकसभा में पेश हुए नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ दिल्ली में होने वाली रैली के लिए भी वह यूपी कांग्रेस का दमखम दिखाने की मंशा रखती है। इसके लिए यूपी कांग्रेस को सक्रिय करने के लिए प्रियंका ने इस बिल के खिलाफ आंदोलित होने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चिटठी लिख कर पूरे यूपी में इस बिल की प्रतियां जला कर प्रदर्शन करने की अपील की है।
समाजवादी पार्टी पारवारिक कलह से उबर नहीं पा रही है
दरअसल, मौजूदा समय में यूपी की राजनीति में विपक्ष बहुत ही कमजोर स्थिति में है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी दो वर्ष पूर्व हुई पारवारिक कलह से उबर नहीं पा रही है तो बहुजन समाज पार्टी के हालात भी खराब है। सपा के साथ गठबंधन कर लड़ी बसपा को लोकसभा चुनाव में 10 सीटे जरूर हासिल हो गई लेकिन इसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार ने यूपी में उसकी सियासी हैसियत सामने ला दी।
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ऐसे में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के स्वर्णिम अतीत की वापसी के लिए पहले मुख्य विपक्षी दल की हैसियत पाने का लक्ष्य यूपी कांग्रेस के सामने रख दिया है। प्रियंका का मानना है कि सियासी तौर पर सबसे बड़ी हैसियत रखने वाले यूपी में मुख्य धारा में आने के बाद ही पार्टी भाजपा से मुकाबला कर पायेगी। फिलहाल यूपी में कांग्रेस की दशा और दिशा परखने के बाद प्रियंका गांधी पार्टी को इसी तौर पर खड़ा करना चाह रही है।