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Property Dealer Kidnapping Case: उम्रकैद की सजा काट रहे अतीक अहमद पर एक और मुकदमा, बाप और बेटा उमर पर तय हुए आरोप

Property Dealer Kidnapping Case: कुख्यात बाहुबली नेता पर आरोप है कि जब वो देवरिया जेल में बंद था, तब उसने लखनऊ के रियल इस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को उठवा लिया था और जेल में उसके साथ मारपीट की थी।

Krishna Chaudhary
Published on: 7 April 2023 3:34 PM IST (Updated on: 7 April 2023 8:00 PM IST)
Property Dealer Kidnapping Case: उम्रकैद की सजा काट रहे अतीक अहमद पर एक और मुकदमा, बाप और बेटा उमर पर तय हुए आरोप
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माफिया अतीक अहमद और उसका बेटा ( सोशल मीडिया)

Property Dealer Kidnapping Case: दिवंगत उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अतीक अहमद पर एक और किडनैपिंग केस का मुकदमा चलेगा। 2018 के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर अपहरण केस में कुख्यात माफिया और जेल में बंद उसके बेटे उमर अमहद के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में आज आरोप तय हो गये हैं।

इन धाराओं में आरोप तय हुए

साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा था। वहीं, अतीक के बेटे उमर को लखनऊ जेल से सीबीआई स्पेशल कोर्ट लाया गया था। विशेष जज अजय विक्रम सिंह की कोर्ट में माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे उमर अहमद पर 364A, 147, 149, 329, 386, 120b, 420/120A, 467, 468, 471, 394/149, 323, 504, 506 की धाराओं में हुआ अपराध सिद्ध हुआ।

कुख्यात बाहुबली नेता पर आरोप है कि जब वो देवरिया जेल में बंद था, तब उसने लखनऊ के रियल इस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को उठवा लिया था और जेल में उसके साथ मारपीट की थी। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बाप-बेटे (अतीक-उमर) ने पिछले दिनों सीबीआई की अदालत में आरोपों से मुक्त करने के लिए याचिका दायर की थी। जिसे 27 मार्च को सीबीआई के स्पेशल जज अजय विक्रम सिंह ने खारिज कर दिया था।

अदालत ने उसी दिन आरोप तय करने के लिए 7 अप्रैल यानी आज की तारीख की थी। कोर्ट ने इस मामले में जमानत पर रिहा किए गए सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश भी दिया था। लेकिन शुक्रवार को गुड फ्राइडे है। इस दिन सार्वजनिक छुट्टी रहती है। लिहाजा लखनऊ बार एसोसिएशन आज काम न करने का फैसला किया है। ऐसे में शुक्रवार को सीबीआई की कोर्ट बैठेगी या नहीं इस पर संशय बना हुआ है।

क्या है प्रॉपर्टी डीलर अपहरण केस ?

कुख्यात माफिया और बाहुबली अतीक अहमद यूपी के कई जेलों में बंद रहा। सलाखों के पीछे रहने के बावजूद उसके गुनाह जारी रहते थे। इसका सबसे चर्चित उदाहरण प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण केस है। ये घटना उन दिनों की है जब माफिया अतीक देवरिया जेल में बंद था। दिसंबर 2018 में उसके इशारे पर गैंग के गुर्गों ने जिनमें उसका बेटा उमर अहमद भी शामिल था, लखनऊ के आलमबाग के रहने वाले कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर लिया था।

जायसवाल को लखनऊ से उठाकर देवरिया जेल लाया गया। जहां उसकी मुलाकात अतीक अहमद से करवाई गई। पीड़ित के आरोप के मुताबिक, जेल में अतीक के गुर्गों और उसके बेटे ने उसकी जमकर पिटाई की थी। उससे जबरन करोड़ों की जमीन पर साइन करवा लिया गया। उससे करोड़ों रूपये की फिरौती भी मांगी गई थी। ये सारी घटना जेल के अंदर हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था सीबीआई जांच के निर्देश

ये मामला इसलिए भी काफी सुर्खियों में रहा क्योंकि देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया था। शीर्ष अदालत ने ही सीबीआई को इस केस की जांच करने का आदेश दिया था। जांच एजेंसी ने जून 2019 में मामले की जांच शुरू की और सभी आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग चार्जशीट पेश किए। मालूम हो कि इसी चर्चित कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते हुए अतीक को किसी अन्य राज्य की उच्च सुरक्षा जेल में भेजने को कहा था। जिसके बाद कुख्यात माफिया को देवरिया से गुजरात के साबरमती सेंट्रल जेल भेजा गया।

इस मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे उमर अहमद के अलावा पवन सिंह, जफरुल्ल मोहम्मद फारूख, इरफान अहमद, महेंद्र सिंह, योगेश कुमार, नीतीश मिश्रा, गुलाम मोईन सिद्दीकी, मोहम्मद हमजा और जकी अहमद आरोपी बनाए गए हैं। जेल में बंद अतीक और उमर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश होंगे।

उमेश पाल अपहरण कांड में मिल चुकी है सजा

माफिया अतीक अहमद को इससे पहले पिछले ही महीने प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ और दिनेश पासी को भी दोषी ठहराया था। तीनों को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 1-1 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया। जबकि जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ समेत सात को बरी कर दिया गया था। दशकों के आपराधिक इतिहास में ये पहला मौका था, जब अतीक अहमद को किसी मामले में सजा हुई थी।

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अहम गवाह उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था। उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में दिनदहाड़े उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में माफिया अतीक के अलावा उसका भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और बेटे असद समेत 9 लोग आरोपी हैं। पत्नी शाइस्ता परवीन और बेटा असद अहमद के अलावा 4 अन्य शूटर अभी भी फरार हैं।



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