TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

हो जाइये तैयार: गर्मी में आग लगाने जा रही है बिजली

आयोग अध्यक्ष आर पी सिंह ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को यह आश्वस्त किया कि आयोग सभी मामलों पर गंभीरता से नजर बनाये हुये है प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ कोई अन्याय नही होने पायेगा।

Shivakant Shukla
Published on: 4 Jun 2019 9:15 PM IST
हो जाइये तैयार: गर्मी में आग लगाने जा रही है बिजली
X

धनंजय सिंह

लखनऊ: प्रदेश की बिजली कंपनियों ने एक बार फिर विद्युत् नियामक आयोग में विजली के दर को बढ़ाने का प्रस्ताव से पहले वार्षिक परफॉर्मेंस रिव्यू रिपोर्ट गुपचुप तरीके से सौंप चुकी है। विद्युत् नियामक 11 जून को बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर सुनवाई करेगा।विद्युत् नियामक आयोग बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को यदि स्वीकार कर लेती है तो गर्मी में आग लगाने का काम करेगी यानि एक बार फिर उपभोक्ताओं को बिजली की दर के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी।

प्रदेश की बिजली कंपनियों द्वारा वर्ष 2019-20 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) वर्ष 2017-18 का ट्रूअप व वर्ष 2018-19 का वार्षिक परफारमेंन्स रिव्यू जहाॅं गुपचुप तरीके से चुनाव के दौरान विद्युत नियामक आयोग में दाखिल कर दिया गया था, जिस पर आयोग द्वारा बिजली कम्पनियों से कई बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया। बिजली दरों में बढोत्तरी का प्रस्ताव भी कम्पनियाॅं दाखिल करने की तैयारी में हैं उसके बाद आयोग उसकी स्वीकारिता पर 11 जून को फैसला लेगा।

ये भी पढ़ें— ईडी ने वाड्रा से कई बयानों और दस्तावेजों को लेकर की पूछताछ

बिजली कम्पनियों की तरफ से जो वर्ष 2019-20 का कुल एआरआर दाखिल किया गया है वह लगभग 76495 करोड है और वहीं सरकारी सब्सिडी लगभग 9120 करोड है। कुल गैप 18091 करोड वहीं सब्सिडी को जोडने के बाद यह गैप लगभग 8971 करोड बचेगा जो कुल बिजली खरीद आंकी गयी है वह लगभग 113512 मिलियन यूनिट है जिसकी कुल खरीद लागत लगभग 55222 करोड होगी वहीं बिजली कम्पनियेां द्वारा वितरण हानियाॅं लगभग 11.96 प्रतिशत आंकी गयी है।

वहीं उपभोक्ता छोर पर औसत बिजली लागत रूपया 7.65 प्रति यूनिट आंकी गयी है। कुल मिलाकर बिजली कम्पनियों द्वारा जो बडा गैप दिखाया गया है उससे यह पूरी तरह सिद्ध हो रहा है कि इस बार बिजली कम्पनियाॅं बड़े पैमाने पर बिजली दरों में बढोत्तरी कराने पर जुटी हैं। विद्युत नियामक आयेाग में इस पूरे मामले पर बिजली कम्पनियों की तरफ से 11 जून को प्रजेन्टेशन हेतु बैठक आहूत की गयी है जिसमें बिजली कम्पनियों द्वारा एआरआर से संबंधित कमियों पर जवाब दिये जाने व बिजली दरों में बढोत्तरी के प्रस्ताव सौंपने की भी चर्जा जोरों पर है।

ये भी पढ़ें— चुनाव आयोग : जम्मू कश्मीर में साल के अंत तक विधान सभा चुनाव संभव

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने भी बिजली दरों में बढोत्तरी न होने पाये का मोर्चा संभाल लिया है। मंगलवार को उसी क्रम में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह व सदस्यगणों से मुलाकात कर बिजली कम्पनियों की फिजूलखर्ची का मुददा उठाते हुये आयेाग को अलग अलग दो प्रव्यावेदन सोंपे जिसमें बिजली कम्पनियों द्वारा रूपया 50 हजार से लेकर रूपया 1 लाख तक अभियन्ताओं को इनाम दिये जाने व उपभोक्ताओं के घरों में लग रही पुरानी टेक्नोलाजी 2जी व 3जी मीटर का प्रकरण उठाते हुये कहा जब वर्तमान में 4 जी टेक्नोलाजी ली जानी चाहिये तो पुरानी टेक्नोलाजी के मीटर लेकर क्यों पैसा बर्वाद किया जा रहा है।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आयोग अध्यक्ष के सामने अनेकों मुददे उठाते हुये विस्तार से चर्चा की और कहा बिजली कम्पनियों की अक्षमता का खामियाजा प्रदेश की जनता पर भविष्य में न डाला जाये के लिये आयोग अभी से गंभीरता से विचार करे। आयोग अध्यक्ष आर पी सिंह ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को यह आश्वस्त किया कि आयोग सभी मामलों पर गंभीरता से नजर बनाये हुये है प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ कोई अन्याय नही होने पायेगा।

ये भी पढ़ें— जब 35 वर्षों बाद एक दूसरे से बात करेंगी मेनका और सोनिया!



\
Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story