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Jhansi News: शिवांगी न बन सकी ‘सावित्री’! खुद भी हुई बलिदान, लेकिन परिजनों को नहीं मिला न्याय
Jhansi News: ‘शिवांगी’ नाम की महिला अपने पति के एनकाउंटर के बाद दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रही थी। सिस्टम से हारकर शिवांगी ने खुद भी आत्महत्या कर ली थी। बावजूद इसके शिवांगी ने जिन्हें आरोपित करार दिया था, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
Jhansi News: लोकमान्यताओं में कभी ‘सावित्री’ यमराज से अपने पति के प्राण वापस ले आई थी। आज के दौर में ‘शिवांगी’ नाम की महिला अपने पति के एनकाउंटर के बाद दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रही थी। सिस्टम से हारकर शिवांगी ने खुद भी आत्महत्या कर ली थी। बावजूद इसके शिवांगी ने जिन्हें आरोपित करार दिया था, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि, परिवार से दो जनाजे उठने के बाद अब भी परिजन न्याय की आस देख रहे हैं।
जिंदा रहते लिखे कई पत्र
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पुष्पेंद्र यादव की पत्नी शिवांगी ने अपने जीते-जी पति के मामले में न्याय पाने का भरसक प्रयास किया। मामले की जांच के लिए उसने मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक को कई पत्र भेजे। इसमें उसने अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर उसे जल्द न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी। बावजूद इसके उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई और आखिरकार शिवांगी ने आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
‘कोर्ट देती पति को सजा’
2019 में हुए कथित एनकाउंटर को लेकर शिवांगी ने मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी को पत्र के जरिए कहा था कि उसके पति का इतना बड़ा कुसूर नहीं था कि उसे मौत की सजा मिलती। अगर उन्होंने कुछ गलत किया था तो कोर्ट उनको सजा देती, उन्हें मारने का हक किसी की नहीं था। शिवांगी ने यह भी कहा था कि पुलिस ने उसके पति का मोबाइल फोन भी अपने पास रखा हुआ है। पुलिस ने उनके पति का चेहरा भी नहीं दिखाया। शिवांगी ने कई बार आला अफसरों से गुहार लगाई लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी।
सवालों में घिरी पुलिस
पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में पुलिस सवालों से घिर गई थी। अब पत्नी की आत्महत्या के बाद फिर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि ‘अपनों’ को बचाने के लिए पुलिस ने हर संभव जतन किए। पुलिस अफसर भी एनकाउंटर का लगातार बचाव करने की कोशिश करते रहे। लेकिन शिवांगी पति के लिए न्याय मांगने हाईकोर्ट जा पहुंची। यहां आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की अपील की गई।
हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद आखिर 13 अक्टूबर 2022 को हाईकोर्ट के आदेश पर मोंठ पुलिस को तत्कालीन कोतवाल धर्मेंद्र चौहान समेत अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी थी। लेकिन एफआईआर में ‘खेल’ देखकर शिवांगी यादव यह शिकायत लेकर फिर हाईकोर्ट पहुंची। इसके बाद हाईकोर्ट ने शिवांगी की तहरीर पर ही मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।
इसके बाद मोंठ थाने में तत्कालीन कोतवाल धर्मेंद्र चौहान समेत अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के साथ ही इस पूरे मामले की जांच सीबीसीआईडी के हवाले कर दी गई थी। न्याय की इस लड़ाई में शायद अब शिवांगी खुद को कमजोर महसूस करने लगी थी और उसने खुद ही मौत को गले लगा लिया। हालांकि, उसके परिवार के लोग मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।