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पीडब्‍ल्‍यूडी ठेकेदार सुसाइड केस में कसा शिंकजा, 7 अधिकारियों पर केस दर्ज

ठेकेदार की पत्‍नी प्रतिभा श्रीवास्‍तव ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक काम कराने के बाद भी 5 करोड़ रुपया विभाग के अधिकारियों ने रोक रखा था।

Aditya Mishra
Published on: 29 Aug 2019 7:11 PM IST
पीडब्‍ल्‍यूडी ठेकेदार सुसाइड केस में कसा शिंकजा, 7 अधिकारियों पर केस दर्ज
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वाराणसी: पीडब्‍ल्‍यूडी कार्यालय में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले अवधेश चंद्र श्रीवास्तव मामले में पुलिस का फंदा कसने लगा है।

मृतक की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने पीडब्ल्यूडी के छह और बिजली विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया। इसमें चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह भी शामिल हैं। इसके साथ ही डीएम ने इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।

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इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

ठेकेदार की पत्‍नी प्रतिभा श्रीवास्‍तव ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक काम कराने के बाद भी 5 करोड़ रुपया विभाग के अधिकारियों ने रोक रखा था।

जब वो पैसे मांगते थे तो उन्हें जेल भेजने और ब्लैक लिस्ट करने की धमकी दी जाती थी। पत्नी की तहरीर में पीडब्‍ल्‍यूडी के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह, एई एसडी मिश्रा, एई आरपी दुबे, एई आशुतोष सिंह, जेई यूएस पांडेय और जेई मनोज कुमार सिंह को आरोपी बनाया है। इसके अलावा उन्‍होंने तहरीर में बिजली विभाग के इंस्‍पेक्‍टर दीपक श्रीवास्‍तव का नाम भी दिया है।

जांच के लिए लखनऊ से पहुंची टीम

पीडब्ल्यूडी दफ्तर में भ्रष्टाचार की खबर के बाद योगी सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। मामले की हकीकत को जानने के लिए लखनऊ से एक जांच दल ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से पूछताछ की।

लगभग दो घंटे तक अलग-अलग अधिकारियों से पूछताछ का सिलसिला जारी रहा। जांच टीम उस कमरे में भी गई जहां अवधेश चंद्र ने खुद को गोली मारी थी। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

उन्होंने लोक निर्माण विभाग के सचिव समीर शर्मा की अध्यक्षता में प्रमुख अभियंता राजन मित्तल एवं वित्त नियंत्रक सत्येन्द्र कुमार की एक जांच कमेटी बनायी है, जो स्थलीय निरीक्षण कर शासन को 2 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी।

स्थानीय स्तर पर डीएम सुरेंद्र सिंह ने भी घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिये हैं।

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ठेकेदारों ने खोला मोर्चा

वहीं इस घटना के बाद पीडब्ल्यूडी के ठेकेदारों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। ठेकेदारों ने सर्किट हाउस में एक बैठक की और स्थानीय प्रशासन से मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की।

ठेकेदारों के मुताबिक संवेदनशील कार्यालय होने के बाद भी एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। यही नहीं ठेकेदारों को पेमेंट के नाम पर परेशान किया जाता है।

आपको बता दें कि पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव ने 28 अगस्त को चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के चैंबर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उ

नकी गाड़ी से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने लोक निर्माण विभाग के कई अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। वहीं उन्होंने 14 करोड़ के हिसाब का भी ज़िक्र किया है। इस सुसाइड नोट के सामने आते ही प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मच गया है।

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Aditya Mishra

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