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रायबरेली में भड़के वकील, लंबे समय से एक ही पटल पर बैठे बाबू को हटाने की मांग की
उत्तर प्रदेश में सरकार के निर्देश के बाद भी जीरो टॉलरेंस नीति की रायबरेली में कलेक्ट्रेट व तहसील में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक ही पटल पर कई सालों से जमे बाबुओ के खिलाफ आज अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश में सरकार के निर्देश के बाद भी जीरो टॉलरेंस नीति की डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले रायबरेली में कलेक्ट्रेट व तहसील में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक ही पटल पर कई सालों से जमे बाबुओ के खिलाफ आज अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। तीन साल से ज्यादा समय से एक ही पटल पर जमे बाबुओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की।
जीरो टॉलरेंस नीति की उड़ा रहे धज्जियां
योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में एक ही पटल पर लंबे समय से बाबू जमे हुए हैं और भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री का सीधा निर्देश है कि एक पटल पर 3 साल से ज्यादा समय तक कर्मचार नहीं रह सकता है। उसके बावजूद कलेक्ट्रेट सहित अन्य विभागों में दस दस बारह बारह सालों से बाबू कुंडली जमाए बैठे हैं।
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सबसे खास बात कि जब बाबू को एक ही पद पर लंबा समय मिल जाता है तो वह अभिलेखों में हेराफेरी करने में माहिर हो जाता हैं और अधिकारियों को गुमराह करना उनके लिए बड़ा आसान हो जाता है । यही हाल कलेक्ट्रेट सहित अन्य विभागों का है जहां बाबुओं का एक मकड़जाल बना हुआ है। एक दूसरे के द्वारा कारित भ्रष्टाचारों व नियम विरुद्ध किये गए कार्यों को छुपाने में भी इनको महारत हासिल है।
एक ही पटल पर एक लंबा समय बीत जाता है इसलिए सारी चीजों का ज्ञान ऐसे बाबुओं को तो होता ही है । जब नया अधिकारी वहां पहुंचता है तो यही बाबू उन अधिकारियों को अपने मायाजाल में फंसा कर उनसे गलत काम करवाने से भी बाज नहीं आते हैं। और उस पद पर पदच्युत अधिकारी जाने अनजाने में वह गलती कर भी जाता है जिसका खामियाजा बाद में अधिकारी को ही भुगतना पड़ता है।
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विकास भवन में भी कई वर्षों से बाबू जमे हुए हैं
कलेक्ट्रेट परिसर में लगभग एक दर्जन ऐसे बाबू हैं जो एक ही पटल पर या फिर एक ही परिसर में पूरी नौकरी पूरी कर ले रहे हैं। यही हाल लगभग विकास भवन का भी है जहां कई वर्षों से बाबू जमे हुए है। और भ्रष्टाचार को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब देखना यह है कि ऐसे बाबुओं पर जिला प्रशासन अपनी चाबुक चलाता है या फिर मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत एक बार फिर इन बाबुओं को भ्रष्टाचार के लिए खुली छूट दे दी जाती है। हालांकि सिटी मजिस्ट्रेट युगराज सिंह ने कहा ऐसे बाबुओं की लिस्ट बनवाई जा रही है।
इनपर भी जल्द ही होगी कार्रवाई
जल्द ही इन पर कार्रवाई भी होगी। वही आज अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर और तहसील परिसर में जमे हुए बाबूओ को लेकर है जहां पर हम लोगों ने एक बैठक की और बैठक में यह निर्णय लिया है कि यहां पर आसीन कर्मचारी 3 साल से एक ही पद पर बैठे हैं या अपने वर्तमान पद पर नहीं कार्य ना करके पद पर कार्य कर रहे हैं। सीनियर बाबू , जूनियर बाबू के पद पर कार्य कर रहे हैं हम लोगों ने यह अभियान छेड़ा है कि शासनादेश के विरुद्ध जो बाबू कार्य कर रहे हैं वह सभी बाबू अपने पद के अनुसार ही कार्य करें।
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21 तारीख को हम लोगों ने एक बैठक आहूत की और उसमें यह निर्णय लिया निर्णय लेने के बाद एक ज्ञापन जिला अधिकारी महोदय को सौंपा मगर अभी तक जिलाधिकारी महोदय की तरफ से उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है । हम लोगों का आरोप है कि ऐसे कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई की जाए और जो कर्मचारी वहां पर किसी पद पर नहीं है ना तो संविदा में है उनके द्वारा आर्डर शीट बनाई जाती है। उन पर भी कार्रवाई करते हुए तत्काल इस पर निर्णय लिया जाए नहीं हम लोगों का धरना प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा |
रिपोर्ट: नरेन्द्र सिंह, रायबरेली