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लापरवाही! अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा परिवार, महिला की एंबुलेंस में हुई डिलीवरी
कोविड-19 के चलते उसे सरकारी एंबुलेंस की सेवा नही मिल सकी। अंत में उसने प्राइवेट एंबुलेंस किया और पत्नी को जिला महिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा।
रायबरेली: यूपी के वीवीआईपी जिले रायबरेली का कोविड-19 काल में हाल बेहाल है। सोनिया गांधी के प्रतिनिधत्व और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के जिले का प्रभार थामने के बाद भी यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतरी ही दिखाई दे रही। रविवार को इसकी बानगी तब देखने को मिली जब जिला महिला चिकित्सालय बंद होने के कारण परिजन एक गर्भवती महिला को इस अस्पताल से उस अस्पताल लेकर फिरते रहे। अंत में उसने प्राइवेट एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
गर्भवती पत्नी को लिए अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे परिजन
दरअसल जिले के मदानपुर के निवासी सूरज की पत्नी गर्भवती है। पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो पति सूरज ने 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया। कोविड-19 के चलते उसे सरकारी एंबुलेंस की सेवा नही मिल सकी। अंत में उसने प्राइवेट एंबुलेंस किया और पत्नी को जिला महिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा।
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जहां कोविड-19 के चलते अस्पताल सीज है। ऐसी अवस्था में सूरज पत्नी को लेकर कभी इस निजी अस्पताल कभी उस निजी अस्पताल का चक्कर काटने लगा।
एंबुलेंस में ही दिया बच्चे को जन्म
सूरज की पत्नी प्राइवेट एंबुलेंस में दर्द से कराह रही थी। लेकिन निजी अस्पताल वाले महिला को भर्ती नहीं कर रहे थे। एक हॉस्पिटल ने भर्ती के लिए रजामंदी भी जाहिर की तो पैसे इतने बता दिए की सूरज ने हाथ खड़े कर दिए।
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घंटों शहर के निजी अस्पतालों का सूरज ने चक्कर काटा लेकिन गर्भवती महिला का किसी भी प्राइवेट अस्पताल में दाखिला नहीं हो सका। अंत में एंबुलेंस पर ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया।
नरेंद्र सिंह