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अदिति सिंह ने पूर्व MLA को बांधा रक्षा सूत्र, मेनका के खिलाफ लड़ा था चुनाव
धनपतगंज के मायंग में अदिती सिंह ने सांसद मेनका गांधी के विरुद्ध चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू के हाथों पर रक्षा सूत्र बांधा।
रायबरेली: कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल कल रक्षाबंधन के मौके पर वो छोटी बहन के साथ पड़ोसी जिले सुल्तानपुर पहुंची। वहां धनपतगंज के मायंग में उन्होंने सांसद मेनका गांधी के विरुद्ध चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू के हाथों पर रक्षा सूत्र बांधा। साथ ही गोंडा के विधायक को भी राखी बांधी। ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद सियासत के गालियारे में हलचल मच गई है।
अदिति सिंह ने सोनू सिंह को बांधी राखी
इस खास पल की तस्वीरें अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर करते हुए विधायक अदिति सिंह ने कहा कि, रक्षाबंधन के पावन पर्व पर मेरे बड़े भाई सोनू सिंह (चंद्रभद्र सिंह) व भाई प्रतीक भूषण सिंह (विधायक गोंडा) एवं अपने तमाम भाइयों को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी खुशहाली एवं तरक्की की कामना की। उनके साथ उनकी छोटी बहन देवांशी ने भी दोनों नेताओं को रक्षा सूत्र बांधा। साथ ही साथ दोनों बहनों ने भाइयों को ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपकी बहन हमेशा आपके साथ खड़ी रहेगी। वहीं चंद्रभद्र सिंह सोनू ने दोनों बहनों को छोटी बहन बताया है।
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उन्होंने कहा कि भाई-बहन के स्नेह, विश्वास और वचनबद्धता के पर्व रक्षाबन्धन के शुभ दिन छोटी बहन अदिति सिंह (विधायक, रायबरेली) एवं छोटी बहन देवांशी सिंह ने रक्षासूत्र बांधा, हम ईश्वर से दोनों की कुशलता खुशहाली, तरक्की की कामना करते हैं। मेरा आशीर्वाद हमेशा दोनों के साथ है। गौरतलब हो कि अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं। पिछले साल से पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं। इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था।
पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते चर्चा में हैं रहती
हाल ही में कोरोना वॉरियर्स के लिए पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे। इसके अलावा बस विवाद पर अदिति योगी के साथ पिछले दिनों बस विवाद पर कांग्रेस और योगी सरकार आमने-सामने थी तो अदिति पार्टी के खिलाफ खड़ी नजर आई थीं। अदिति सिंह ने ट्वीट कर कहा था, 'आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत? एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एंबुलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, यह कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई?'
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अदिति ने दूसरे ट्वीट में लिखा था, 'कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें। तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी आदित्यनाथ जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
रिपोर्ट- नरेंद्र सिंह