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बारिश-बिजली का कहर: हादसे से दहल उठा ये राज्य, मचा कोहराम

उत्तर प्रदेश का रायबरेली जिला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय होने के नाते प्रदेश के वीवीआईपी जिलो में शुमार होता है।

Roshni Khan
Published on: 28 Jun 2020 12:54 PM GMT
बारिश-बिजली का कहर: हादसे से दहल उठा ये राज्य, मचा कोहराम
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रायबरेली: उत्तर प्रदेश का रायबरेली जिला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय होने के नाते प्रदेश के वीवीआईपी जिलो में शुमार होता है। रविवार को इस वीवीआईपी जिले के सिविल लाइन जैसे वीआईपी इलाके में उस समय हड़कम्प मच गया जब जिले के मुख्य विकास अधिकारी के सरकारी आवास के पॉर्च की छत भरभरा कर गिर गई। हांलाकि इस हादसे में कोई हताहत तो नहीं हुआ लेकिन सीडीओ की सरकारी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। वैसे इस हादसे ने सरकारी कालोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के मकानो का सच सामने आ गया है कि किस प्रकार जान हथेली पर रख सरकारी कर्मी सरकार की बिल्डिंगो में रह रहे हैं।

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जानकारी के अनुसार शहर के सिविल लाइन इलाके में सरकारी कालोनी बनी हुई है। इसमे जजो से लेकर सीडीओ, एसडीएम, सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के आवास बने हुए हैं। आज यानी रविवार को अवकाश होने के नाते मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिषेक गोयल अपने आवास पर ही थे। उनकी सरकारी गाड़ी पार्च में खड़ी थी, दिन का समय होने के चलते साहब को कही निकलना भी था तो स्टाफ के लोग भी आवास पर बने बाहरी रूम में बैठे थे। तभी पार्च की छत का एरिया एकाएक भरभरा कर सीडीओ की गाड़ी पर जा गिरा। इसके चलते जोर की आवाज हुई और लोगों की भीड़ जमा हो गई। बस गनीमत ये रही के उस समय कोई आसपास नही था इसलिए बड़ा हादसा टल गया।

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आपको बता दें कि सिविल लाइन एरिये में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के आवास के मेंटेनेंस का जिम्मा सरकार के पीडब्लूडी विभाग के पास है। जानकारी के अनुसार सरकार प्रतिवर्ष सरकारी आवासों के मेन्टेनेन्स के लिए बजट भी देती है। लेकिन तीन दिन की बरसात में जिस तरह सीडीओ के आवास के पार्च की छत गिरी इससे तो साफ है कि बजट का पैसा इस्तेमाल नही हुआ। अगर बजट खर्च होता तो ये नौबत ना आती। वैसे ये तो बड़े साहब के आवास का मामला था जो उजागर हो गया, सच्चाई तो ये है के सरकारी कर्मचारियों के आवास की हालत इससे भी गई गुजरी है। वो बराबर इस तरह की समस्या से दो चार हो रहे हैं।

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