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रेल कर्मचारी हुए सरकार के खिलाफ: इन फैसलों पर भड़के कर्मी, अब करेंगे हल्लाबोल

रेल मंत्रालय भारत सरकार के मजदूर विरोधी निर्णयों के कारण समस्त रेल कर्मचारियों में आक्रोश है। ऐसे में NCRES ने निर्णय लिया कि 2 से 5 नवंबर 2020 तक कर्मचारी सरकार के निर्णय का विरोध करेंगे।

Shivani
Published on: 14 Oct 2020 10:21 PM IST
रेल कर्मचारी हुए सरकार के खिलाफ: इन फैसलों पर भड़के कर्मी, अब करेंगे हल्लाबोल
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झाँसी। नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे इम्ल्पाइज संघ के महामंत्री आर पी सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण संपूर्ण लॉकडाउन में भी रेल कर्मचारियों ने पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य किया, ताकि देश की आम जनता को किसी प्रकार से परेशानी ना होने पाए। दूसरी तरफ इस मजदूर विरोधी सरकार ने इस गंभीर आपदा के समय रेल कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते के भुगतान एवं रिक्तियों के भरने पर रोक लगाकर उन्हें आर्थिक लाभ व प्रमोशन से वंचित कर दिया। इसको लेकर रेलवे कर्मचारियों में आक्रोश भड़क रहा है। यह बात महामंत्री आर पी सिंह ने वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही हैं।

मजदूर विरोधी निर्णयों से रेलकर्मचारियों में भड़क रहा है आक्रोश

उन्होंने कहा कि यात्री गाड़ियों के संचालन का कार्य निजी हाथों में सौंपकर रेल का नुकसान जा रहा है। 29 सितंबर 2020 को आरबीई नंबर NO. 83 / 2020 जारी कर 43600 /आरएस से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के रात्रि भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दिया, जिसके कारण कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है।

सरकार के विरोध कार्य करेंगे रेलवे कर्मचारी

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय भारत सरकार के उपरोक्त सभी मजदूर विरोधी निर्णयों के कारण समस्त रेल कर्मचारियों में आक्रोश है। इस कारण एनसीआरईएस ने आज की वर्किंग कमेटी में निर्णय लिया कि 2 से 5 नवंबर 2020 तक लंच के समय प्रयागराज, झाँसी और आगरा मंडल में एनसीआरईएस की सभी शाखाओं के पदाधिकारी और डेलीगेट अपने-अपने कार्य क्षेत्र में सरकार के निर्णय का विरोध करेंगे। 6 नवंबर 2020 को तीनों मंडल के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के गेट पर जुलूस के रूप में पहुंचकर मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन सौंपेंगे।

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यह रहेंगी मांगे

डीए/डीआर रोकने का आदेश रद्द करने, रात्रि भत्ते के भुगतान संबंधी रेलवे बोर्ड के आदेश आरबीई नंबर 83/2020 पर रोक लगाया जाए 3) पदों को सरेंडर करना बंद कर पात्र कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ देने, औद्योगिक संबंध कोड 2020 वापस लेकर यूनियनों के मान्यता के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार चुनाव कराने, यात्री गाड़ियों को निजी हाथों में देने का निर्णय वापस लेने, एनपीएस रद्द करने, ट्रैकमैन एवं संरक्षा के समस्त कर्मचारियों को बढे हुए रिस्क एवं हार्डशिप एलाउंस का भुगतान अविलंब करने, ग्रेड पे 2400 को 2800 ग्रेड पे और 4600 को 4800 में मर्ज किया जाए।

वेतन पाने वाले कर्मचारियों के रात्रि भत्ते के भुगतान में लगाई रोक

रनिंग कर्मचारियों को ग्रेड पे 4600 दिए जाने, ट्रैक मेंटेनर को टेक्नीशियन कैडर के समान लेवल 6 ग्रेड पे 4200 तक प्रमोशन चैनल देने, ग्रुप सी के अपेक्स ग्रेड को ग्रुप बी में अपग्रेड करने, 30 वर्ष की सेवा और 50/55 वर्ष की उम्र पर जबरन रिटायर करना बंद किया जाए 12) 50 कैटेगरी के कर्मचारियों के एक बच्चे को नौकरी देने के लिए मॉडिफाइड सेफ्टी रिलेटेड रिटायरमेंट स्कीम पुनः शुरू करने, महिलाओं की सुविधा के लिए फ्लेक्सी वर्किंग हावर लागू किया जाए।

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गाड़ियों का संचालन निजी के हाथों में सौंपकर रेलवे कर रही है नुकसान

कार्यस्थल पर टॉयलेट एवं ड्रेस चेंजिंग रूम की व्यवस्था करने, सभी स्टाफ की 12 घंटे की ड्यूटी खत्म कर 8 घंटे की ड्यूटी लागू करने, रनिंग एलाउंस एलिमेंट को आयकर के दायरे से बाहर करने, वर्ष 2020 के बोनस का भुगतान तुरंत करने की मांग की गई है।

बैठक में यह रहे मौजूद

बैठक में एनसीआरईएस के मंडल अध्यक्ष राम कुमार सिंह, टीपी सिंह, भानु प्रताप सिंह चंदेल, सरिता दास, आरती तमौरी, विवेक चड्डा आदि उपस्थित रहे। आभार मंडल के मीडिया प्रभारी उमर खान ने व्यक्त किया।

रिपोर्टर- बीके कुशवाहा , झांसी

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