×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पंजाब सरकार हुई बागी! केंद्र के कृषि कानून पर Counter Attack, किया ये बड़ा एलान

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में ही हो रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही एलान किया था कि उनकी सरकार को केंद्र सरकार के नए कृषि कानून मंजूर नहीं है

Shivani
Published on: 14 Oct 2020 9:26 PM IST
पंजाब सरकार हुई बागी! केंद्र के कृषि कानून पर Counter Attack, किया ये बड़ा एलान
X

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब सरकार ने विरोध का झंडा बुलंद करने का फैसला कर लिया है। इन कानूनों को काउंटर करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया है।

इस सत्र के दौरान सरकार की ओर से एक नया कानून लाया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 19 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया।

नए कृषि कानून पंजाब को मंजूर नहीं

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में ही हो रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही एलान किया था कि उनकी सरकार को केंद्र सरकार के नए कृषि कानून मंजूर नहीं है और सरकार विधाई, कानूनी और अन्य रास्तों के जरिए इसके खिलाफ संघर्ष करेगी।

कुछ दिनों पहले ही उन्होंने केंद्रीय कानूनों को खतरनाक बताते हुए राज्य के कानूनों में आवश्यक संशोधन करने का एलान किया था। अब फैसला किया गया है कि राज्य में नया कानून बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।

किसानों ने दिया था सरकार को अल्टीमेटम

पंजाब में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसान राज्य सरकार से नए कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते रहे हैं। ‌

ये भी पढ़ें- चीखों से गुंजा महाराष्ट्र: हुआ भयानक हादसा, अब निकाली जा रही जमीन से लाशें

किसानों की ओर से इस बाबत पंजाब सरकार को अल्टीमेटम भी दिया गया था। किसानों की मांग है कि हाल में संसद की ओर से पारित तीन कृषि कानूनों को पंजाब में निरस्त किया जाए।

पंजाब में हो रहा जोरदार विरोध

पंजाब में किसान संगठनों ने इन कानूनों के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है। किसान संगठनों ने आशंका जताई है कि नए कानून से किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और किसान बड़े कारपोरेट की मनमर्जी के गुलाम हो जाएंगे।



राहुल ने निकाली थी ट्रैक्टर यात्रा

कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में पंजाब में ट्रैक्टर यात्रा और रैलियों का आयोजन भी किया गया था। इस दौरान राहुल गांधी के साथ मंच पर कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मौजूद थे और दोनों नेताओं ने इन कानूनों को किसानों के लिए खतरनाक और कृषि और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाला बताया था। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर हमला भी बोला था।

ये भी पढ़ें- विधानसभा के सामने आत्मदाह: महिला की तड़प-तड़प कर मौत, अस्पताल में कोहराम

बातचीत विफल, किसानों ने फाड़ीं प्रतियां

इस बीच किसान संगठन और सरकार के बीच बुधवार को नई दिल्ली में बातचीत भी हुई। शुरुआत में किसान संगठन सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार नहीं थे मगर काफी मान मनौव्वल के बाद किसानों ने बातचीत पर रजामंदी जाहिर की थी। लेकिन 30 किसानों का समूह बुधवार को जब बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचा तो किसानों से बातचीत करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद नहीं थे।

इस बात से किसानों में नाराजगी पैदा हो गई और उन्होंने मंत्रालय के अंदर ही नारेबाजी करते हुए नए कानून की प्रतियां फाड़ दीं।

कृषि मंत्री के न आने से भड़के किसान

बैठक से बाहर निकलने के बाद किसानों ने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। किसान संगठनों का कहना है कि उन्होंने मंगलवार को ही बैठक में शामिल होने का फैसला किया था मगर बैठक में सिर्फ कृषि सचिव और कुछ अन्य अधिकारी ही पहुंचे।

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान की खुली पोल: भारत ने किया झूठ उजागर, अब बातचीत नहीं सीधे होगी जंग

कृषि मंत्री के नामौजूदगी से किसान नाराज हो गए और उन्होंने गुस्सा जताते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। किसान संगठनों का कहना है कि कृषि मंत्री की नामौजूदगी से साफ जाहिर है कि सरकार बातचीत के प्रति गंभीर नहीं है।

विरोध प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा

बाद में किसान संगठन के एक नेता ने कहा कि हम आज हुई चर्चा से संतुष्ट नहीं हैं और इसी कारण हमने बैठक छोड़ने का फैसला कर लिया। हम किसानों के खिलाफ पारित किए गए इन काले कानूनों को रद्द कराना चाहते हैं।

कृषि सचिव ने हमारी बातों को ऊपर तक पहुंचाने का वादा किया है। किसान संगठनों ने कहा कि जब तक सरकार की ओर से इन कानूनों के वापस नहीं ले लिया जाता है तब तक किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani

Shivani

Next Story