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रेलवे ‘मिशन रफ्तार’ से बढ़ायेगा रेलों की गति, सरकार ने दी मंजूरी
केन्द्र सरकार ने मिशन रफ्तार के तहत 2022-23 तक दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस कार्य में 6,685 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
लखनऊ: केन्द्र सरकार ने रेलवे को मिशन रफ्तार के तहत 2022-23 तक दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस कार्य में 6,685 करोड़ रुपये की लागत आएगी। साथ ही मिशन रफ्तार के हिस्से के रूप में दिल्ली-मुंबई मार्ग के लिए भी इसी तरह की मंजूरी दी है।
उत्तर मध्य रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया है
कि मिशन रफ्तार के हिस्से के रूप में भारतीय रेल अपने पूरे नेटवर्क में रेलगाड़ियों की औसत गति
सुधारने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है।
दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने से पैसेंजर गाड़ियों की औसत गति
60 प्रतिशत तक बढ़नी सुनिश्चित होगी और माल यातायात गाड़ी की औसत गति दोगुनी होगी।
1,525 किलोमीटर लंबा दिल्ली-हावड़ा मार्ग पांच राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल से गुजरता है।
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नई दिल्ली और हावड़ा के बीच यात्रा समय में पांच घंटे की कमी आएगी और यह यात्रा पूरी रात की ही होगी।
दिल्ली-हावड़ा मार्ग की अधिकतम गति बढ़ाने से वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई स्पीड की गाड़ियों को गति मिलेगी।
इससे ऐसी ट्रेनों को अपनी क्षमता का पूरा लाभ उठाने और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने की अनुमति होगी
और यह सुनिश्चित होगा की गति और सेवा की दृष्टि से यात्रियों को लाभ मिले।
इसके अतिरिक्त पाया गया कि इस गति के लिए सुरक्षित एलएचबी कोच बनाए जा सकेंगे
और इसमें सभी लेवल क्रॉसिंग को हटाना पड़ेगा। संपूर्ण परियोजना नए दृष्टिकोण से बनी है।
यात्री यातायात 29 प्रतिशत और माल यातायात 30 प्रतिशत है
मिशन रफ्तार के हिस्से के रूप में सरकार ने दिल्ली-मुंबई मार्ग के लिए भी इसी तरह की मंजूरी दी है।
दिल्ली-मुंबई मार्ग और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्री यातायात 29 प्रतिशत और माल यातायात 30 प्रतिशत है।
भारतीय रेल के संपूर्ण चतुर्भुज और कोणीय परियोजना पूरी करने का काम हो रहा है।
इसमें भारतीय रेल नेटवर्क का 16 प्रतिशत हिस्सा है लेकिन परियोजना में कुल यात्री यातायात का 52 प्रतिशत
और माल यातायात का 58 प्रतिशत है।
इस कार्य के निष्पादन में उ.म.रे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
क्योंकि इलाहाबाद मंडल गाजियाबाद और पं दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच
दिल्ली-हावड़ा मार्ग के 53 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है।
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