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भूमि पूजन के बाद भी तुरंत नहीं शुरू होगा निर्माण, जानिए क्या है इसका कारण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्य संपन्न हो गया।
अंशुमान तिवारी
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्य संपन्न हो गया। अब हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण कब से शुरू होगा और इसमें कितना समय लगेगा। कुछ लोग सोच रहे हैं कि भूमि पूजन के बाद अब गुरुवार से ही मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा मगर ऐसा सोचना सही नहीं है। मंदिर निर्माण का काम तत्काल नहीं शुरु होने वाला है क्योंकि अभी मंदिर का नक्शा ही पास नहीं हुआ है।
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अभी नहीं पास हुआ है मंदिर का नक्शा
मंदिर निर्माण शुरू होने के संबंध में श्री राम जन्मभूमि न्यास के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या विकास प्राधिकरण से राम मंदिर का नक्शा पास होने के बाद ही मंदिर निर्माण का काम शुरू होगा। अभी प्राधिकरण से नक्शा पास होना है और इसमें डेढ़ से दो करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
मिट्टी की टेस्टिंग का रिजल्ट आना बाकी
राम मंदिर के आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा के मुताबिक भी मंदिर निर्माण का काम तत्काल नहीं शुरु होने वाला है। उन्होंने बताया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी एलएनटी ने मंदिर स्थल पर मिट्टी की टेस्टिंग की है मगर इसका अभी तक रिजल्ट नहीं आया है। मिट्टी की टेस्टिंग का रिजल्ट आने के बाद ही यह है किया जा सकेगा कि मंदिर की नींव कितनी गहरी होगी और कब से मंदिर निर्माण का काम शुरू होगा।
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Mandir bhoomi poojan
मशीनों से होगा अधिकांश काम
मंदिर में लगने वाले मजदूरों के संबंध में निखिल सोमपुरा ने बताया कि अब तो निर्माण कार्यों के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें आ गई हैं। राम मंदिर के निर्माण में ज्यादा काम मशीनों से होगा और इस कारण निर्माण के काम में कम ही मजदूर लगेंगे। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण के शुरुआती काम में 100 मजदूरों की जरूरत होगी।
पहले तराशे जा चुके पत्थरों का उपयोग
उन्होंने बताया कि अभी कंस्ट्रक्शन के काम में उन पत्थरों का उपयोग किया जाएगा जो तराशे जा चुके हैं। सोमपुरा के मुताबिक सीमेंट और बाकी सामान कहां से आया आएगा, यह सबकुछ एलएनटी कंपनी को तय करना है। उन्होंने कहा कि एलएनटी कंपनी भी मैन पावर का काम अलग-अलग ठेकेदारों को देगी। अभी कंपनी की ओर से इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गई है।
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सोमपुरा परिवार का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
निखिल के भाई और राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा ने बताया कि हमारी 15 पीढ़ियों का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट राम मंदिर का निर्माण है। उन्होंने कहा कि लंबी प्रतीक्षा के बाद राम मंदिर निर्माण की घड़ी आई है और हमारा पूरा परिवार राम मंदिर को लेकर काफी उत्साहित है। उन्होंने कहा कि हम 15 पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं और अब तक 131 मंदिरों के डिजाइन तैयार कर चुके हैं।
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1989 में शुरू किया था काम
आशीष ने बताया कि उनके पिता चंद्रकांत सोमपुरा ने सबसे पहले 1989 में अयोध्या में राम मंदिर के डिजाइन पर काम करना शुरू किया था। उस समय विश्व हिंदू परिषद के शीर्ष नेता अशोक सिंघल ने उनसे इस बाबत संपर्क किया था। तब से लगातार उनका परिवार मंदिर के डिजाइन के संबंध में विश्व हिंदू परिषद से चर्चा करता रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता चंद्रकांत सोमपुरा अब अधिक उम्र हो जाने की वजह से घर से बाहर नहीं जाते और ऐसे में निखिल और मुझे ही राम मंदिर निर्माण की अहम जिम्मेदारी निभानी है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में तीन से साढ़े तीन साल का समय लगने की उम्मीद है।
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