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संगम के जल से होगा राम मंदिर का भूमि पूजन, तीन चरणों में पूरा होगा विधान

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि तय होने के बाद जोरदार तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन करेंगे।

Newstrack
Published on: 21 July 2020 4:46 AM GMT
संगम के जल से होगा राम मंदिर का भूमि पूजन, तीन चरणों में पूरा होगा विधान
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लखनऊ: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि तय होने के बाद जोरदार तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन करेंगे। भूमि पूजन के कर्मकांड के लिए काशी विद्वत परिषद ने तीन विद्वानों चयन का काम पूरा कर लिया है। पीएम मोदी प्रयागराज स्थित संगम के पवित्र जल से भूमिपूजन करेंगे। भूमि पूजन का विधान तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।

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ताम्र कलश में होगा सभी तीर्थों का जल

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार का कहना है कि भूमि पूजन के लिए प्रयागराज से संगम का पवित्र जल अयोध्या ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज से संगम का जल लेकर अयोध्या जाने वाले पदाधिकारियों का नाम जल्द ही तय कर लिया जाएगा। जानकारों का कहना है कि भूमि पूजन में पीएम मोदी ताम्र कलश स्थापित करेंगे। ताम्र कलश में संगम के अतिरिक्त गंगाजल, सभी तीर्थों का जल, सर्व औषधि और पंचरत्न भी रखे जाएंगे।

भूमि पूजन के लिए तीन विद्वानों का चयन

इस बीच काशी विद्वत परिषद ने उन तीन विद्वानों के नाम तय कर लिए हैं जो अयोध्या में 5 अगस्त को भगवान राम के मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन का काम संपन्न कराएंगे। इस काम के लिए वेदांत, ज्योतिष और धर्मशास्त्र के तीन विद्वानों का चयन किया गया है।

काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर रामयत्न शुक्ल ने बताया कि प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी, प्रोफेसर रामचंद्र पांडे और प्रोफेसर विनय पांडे को भूमि पूजन की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। काशी विद्वत परिषद की वर्चुअल मीटिंग में इन तीनों विद्वानों के नाम तय किए गए।

शास्त्रीय मर्यादाओं के अनुरूप होगा आयोजन

नाम तय किए जाने के बाद तीनों विद्वानों ने भगवान श्रीराम के मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन की जिम्मेदारी मिलने को गौरव का क्षण बताया। प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि काशी विद्वत परिषद अयोध्या में संपूर्ण काशी का प्रतिनिधित्व करेगी। उन्होंने कहा कि महागणपति के आह्वान के साथ पूजन का काम शुरू होगा।

प्रो.विनय पांडे ने कहा कि काशी विद्वत परिषद की उपस्थिति में समस्त धार्मिक कार्यक्रम विधिवत पूर्ण किए जाएंगे। प्रोफेसर रामचंद्र पांडे ने कहा कि काशी विद्वत परिषद की देखरेख में शास्त्रीय मर्यादाओं के अनुसार संपूर्ण आयोजन विधिवत संपन्न होगा।

पीएम का काशी में होगा अभिनंदन

काशी विद्वत परिषद की वर्चुअल बैठक के बाद अध्यक्ष प्रोफेसर रामयत्न शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी काशी आएंगे, उनका अभिनंदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था, उसे उन्होंने पूरा करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भगवान श्रीराम के मंदिर के शिलान्यास और निर्माण की बात कही थी और अब वह बात पूरी होने जा रही है। इसलिए काशी विद्वत परिषद की ओर से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया जाएगा।

तीन चरणों में होगा भूमि पूजन

काशी विद्वत परिषद के मंत्री रामनारायण द्विवेदी के अनुसार भूमि पूजन का काम तीन चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण में सूर्यादि नव ग्रहों का आह्वान किया जाएगा। दूसरे चरण में इंद्रादि प्रधान देवताओं एवं गंधर्वों का आह्वान होगा। तीसरे चरण में महागणपति का पूजन किया जाएगा। इन तीनों चरणों के दौरान वैदिक ब्राह्मण लगातार चतुर्वेद का पारायण करेंगे।

तिथि पर शंका करना गलत

प्रोफ़ेसर द्विवेदी ने कहा के मंदिर के भूमि पूजन पर शंका करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि हरिशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी के बीच विवाह आदि मंगल कार्यों को करने का निषेध है, लेकिन पूजन आदि धार्मिक कृत्य करने पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन जब भी किया जाएगा, वही शुभ दिन और मंगल मुहूर्त बन जाएगा। उन्होंने बताया कि काशी विद्वत परिषद की ओर से तय किए गए तीनों नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेज दिए गए हैं।

आयोजन में हिस्सा लेंगे कई प्रमुख नेता

इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भूमि पूजन के आयोजन में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं व संतों को आमंत्रित करने में जुट गया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय संतों और नेताओं को आमंत्रण देने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। वे लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा करने के बाद दिल्ली पहुंचे हैं। सूत्रों का कहना है कि वे संघ प्रमुख मोहन भागवत, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं को आमंत्रण देंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी इस आयोजन में निमंत्रित किया जाएगा।

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अयोध्या बने विश्व का सबसे बड़ा धाम

इस बीच अयोध्या के संत और राममंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने इच्छा जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या को विश्व का सबसे बड़ा धाम बनाएं। संतों का कहना है कि अयोध्या में विश्वस्तरीय सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या अपने गौरव को प्राप्त करने जा रही है। इसलिए राम मंदिर के निर्माण के साथ ही अयोध्या के सर्वांगीण विकास की भी शुरुआत की जानी चाहिए।

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